क्या प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI की गतिविधियां जारी हैं? क्या देश विरोधी गतिविधियों को आज भी यह संस्था अंजाम दे रही है? क्या पीएफआई अपने एजेंडे 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए बिहार को प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल कर रही है? और क्या बिहार सरकार में कार्यरत बड़े अधिकारियों की ओर से इस देश विरोधी संस्था पीएफआई को संरक्षण दिया जा रहा है?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया से लोकसभा सांसद डॉ संजय जायसवाल इन सभी प्रश्नों के जवाब ‘हां’ में देते हैं।
बिहार सरकार के कई अधिकारी पीएफआई के मुस्लिम राष्ट्र समर्थक
संजय जायसवाल ने दावा किया कि बिहार सरकार के अधीन काम करने वाले कई अधिकारी पीएफआई के एजेंट हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू और आरजेडी के कई नेता भी पीएफआई का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि डॉ संजय जायसवाल ने यह नहीं बताया कि बिहार सरकार में वो कौन से अधिकारी हैं जो भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनते देखना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह बताया कि पीएफआई अपने एजेंडे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बिहार को प्रयोगशाला के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। जिसमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार पीएफआई को ईंधन देने का काम कर रही है। अधिकारियों का एक वर्ग उन्हें संरक्षण देने का काम कर रहा है।
रमजान में छूट तो रामनवमी और नवरात्र में क्यों नहीं
नीतीश के नेतृत्व में चलने वाली महागठबंधन की सरकार ने रमजान को देखते हुए मुस्लिम अधिकारियों-कर्मचारियों को छूट दी है। इस दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय में आने और जाने के समय में सहूलियत प्रदान की है। इस फैसले के मुताबिक सरकारी कार्यालय में अब अधिकारी के साथ कर्मचारी भी 1 घंटे देरी से और 1 घंटे पहले आ-जा सकेंगे। राज्य सरकार के इस फैसले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब मुसलमानों को यह छूट दी सकती है तो राम नवमी और नवरात्रि के मौके पर हिंदुओं को क्यों नहीं ऐसी छूट दी जाती।
डॉ संजय जायसवाल ने यह भी कहा कि ऐसे फैसले पीएफआई समर्थक अधिकारियों की ओर से ही लिए जाते हैं। वहीं नीतीश कुमार तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से इस पर ठप्पा लगाने का काम करते हैं। बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को जुमे यानी शुक्रवार के दिन विद्यालयों में सप्ताहिक छुट्टी का मामला भी उठाया गया थ। जिसका विरोध बीजेपी के सभी विधायकों ने किया था।
बिहार में फिर शुरू हुआ अपहरण उद्योग!
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार में बढ़ते अपराध पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब से आरजेडी सत्ता में आई है तभी से अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में एक बार फिर से अपराधियों ने अपहरण उद्योग खोलना शुरू कर दिया है। उन्होंने एनएमसीएच के डॉक्टर के साथ मुजफ्फरपुर और पटना से अगवा किए गए बच्चों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले पर राज्य सरकार ने चुप्पी साधे रखी है।
डॉ जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार जब 2013 में बीजेपी से अलग हुए थे तब ऐसी स्थिति नहीं थी क्योंकि उस वक्त लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल उनके साथ नहीं थी। लेकिन 2015 के बाद 2022 में जब राष्ट्रीय जनता दल सत्ता में आ गई तभी से बिहार में अपराध अपने चरम पर पहुंच चुका है। अब तो अपराधी थाने में घुसकर पुलिस वालों को पीटकर अपने साथी को छुड़ा ले जाते हैं। अवैध शराब के कारोबार में लगे आरजेडी के लोगों की ओर से पुलिस टीम पर बेधड़क हमला किया जाता है।
Compiled: up18 News
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