मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत ने बड़ी जंप मारी है। लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें, तो भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत, चीन से बस एक कदम दूर है। ऐसे में ड्रैगन की चिंता बढ़ना वाजिब है। यही वजह है कि चीन भारत में बनने वाले स्मार्टफोन को बायकॉट करने की कोशिश करता है। मेड इन इंडिया आईफोन में हीटिंग को लेकर चीन प्रोपेगैंडा चला रहा था।
भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट का बड़ा हब
चीन की चुनौती से अलग भारत तेजी से मोबाइल मैन्युफैक्चिरंग कर रहा है। साथ ही उन्हें भारत से अन्य देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है। मतलब भारत मोबाइल फोन का बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर रहा है। काउंटरप्वाइंट के आंकड़ों की मानें तो 2023 में भारत में असेंबल हुए कुल मोबाइल फोन में से 22 फीसद का एक्सपोर्ट किया गया।
आम यूजर्स को क्या फायदा?
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग से आम यूजर्स को सस्ते में मोबाइल फोन मिलेंगे। इससे हर आदमी तक स्मार्टफोन की पहुंच होगी। हर व्यक्ति डिजिटल सेवाओं से जुड़ पाएगा और मिडिनमैन की छुट्टी हो जाएगी। साथ मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग से भारत में बड़े पैमाने पर निवेश होता है, जिससे रोजगार के नए रास्ते खुलते हैं। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिलता है।
45 हजार करोड़ के मोबाइल एक्सपोर्ट
केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया पहल का असर है कि इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत से 45 हजार करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट हुआ है।
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन यानी ICEA की रिपोर्ट की मानें, तो अप्रैल-अगस्त के दौरान 5.5 बिलियन डॉलर का मोबाइल एक्सपोर्ट हुआ है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले करीब 2.2 बिलियन डॉलर ज्यादा है। भारत में मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 1,20,000 करोड़ मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट किया है। इस दौरान ऐपल लीडिंग ब्रांड रहा है।
Compiled: up18 News
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