आगरा जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। रोज ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर मानवता भी शर्मसार हो जाती है लेकिन इसके बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन और यहां के नुमाइंदों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। बुधवार को जिला अस्पताल से दो ऐसे वीडियो सामने आए जिसे देखकर आप कह उठेंगे कि ‘स्वास्थ्य मंत्री जी कम से कम सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लाने ले जाने की व्यवस्थाएं तो कम से कम दुरुस्त करा दीजिए।’
पीठ पर पति को ले जाती महिला
सुबह लगभग 11:30 बजे के आसपास एक महिला अपने पति को मेडिकल कराने के लिए जिला अस्पताल पहुँची। उसके साथ सिपाही भी मौजूद था। जिला अस्पताल में इमरजेंसी के पास कोई वार्ड बॉय न मिलने पर महिला खुद अपने पति को पीठ पर बैठाकर मेडिकल रूम में ले गयी। यह पूरा दृश्य वहाँ मौजूद लोगों ने देखा। पति को पीठ पर बैठाकर सीढ़ी चढ़ने में उसे दिक्कत हुई तो दूसरे व्यक्ति ने उसकी मदद की लेकिन उसे वार्ड बॉय या फिर व्हीलचेयर व अन्य सुविधा नहीं मिली। यही हाल उसका अस्पताल से जाते वक्त हुआ। कोई वार्ड बॉय न मिलने पर पत्नी ने फिर से पति को पीठ पर बैठाया और बाहर गेट के पास खड़े ऑटो तक ले गयी।
सिर्फ एक्सरे के लिए मिली पर्ची
पीठ पर बैठाकर अपने पति को ले जाते हुए महिला से वार्ता हुई तो उसने बताया कि वे अछनेरा से आये है। झगड़े में उसके पति के चोट आई थी इसलिए मेडिकल के लिए आये थे लेकिन यहाँ चिकित्सकों ने उसका मेडिकल नहीं किया। अछनेरा के चिकित्सकों द्वारा मेडीकल करने की बात कही। जिला अस्पताल में सिर्फ एक्सरे के लिए उन्हें पर्ची दी गयी। महिला से पूछा कि वार्ड बॉय या फिर व्हीलचेयर नहीं मिली तो उसने कहा कि कुछ नहीं मिला।
ऐसा नही है कि मेडिकल कराने के लिए यह महिला अपने पति को लेकर अकेले आई थी। इस पीड़ित परिवार के साथ थाने से सिपाही भी आया था लेकिन खाकी ने भी कोई मदद नहीं की। पत्नी अपने पति को पीठ पर बैठाकर सिपाही के सामने से ले गयी लेकिन सिपाही ने किसी से यह नहीं कहा कि इस मरीज को व्हीलचेयर या स्ट्रेचर से ऑटो तक छुड़वा दे।
बुजुर्ग माँ को कंधों के सहारे ले जाते परिजन
ऐसा ही एक दूसरा मामला भी सामने आया। बुजुर्ग माँ को दिखाने आये एक परिवार को को भी व्हीलचेयर या फिर वार्ड बॉय की सुविधा नहीं मिली। बेचारे बुजुर्ग के परिजन कंधों के सहारे ले जाते हुए दिखाई दिए। एक तरफ बेटा तो दूसरी ओर बहु सहारा बनी। जब उनसे पूछा गया कि इन्हें क्या हुआ और ऐसे क्यो ले जा रहे है तो परिजनों ने बताया कि माँ बीमार है और व्हीलचेयर न मिलने पर उन्हें ऐसे ले जा रहे है।
वार्ड बॉय रहते है गायब
इमरजेंसी के बाहर पेड़ के नीचे वार्ड बॉय स्ट्रेचर लेकर तैनात रहता है। इमरजेंसी में भी वार्ड बॉय तैनात रहते है लेकिन यह वार्ड बॉय अधिकतर दूसरे कामों में लगा दिए जाते हैं जिसके कारण मरीजों की मदद के लिए वार्ड बॉय नही मिल पाते है। पेड़ के नीचे तैनात रहने वाला वार्ड बॉय अक्सर गायब रहता है। कई बार वार्ड बॉयो के नदारद रहने की शिकायत हुई है लेकिन सब बेकार है।
शिकायत आये तो हो कार्यवाही
इस पूरे मामले को लेकर सीएमएस अनीता शर्मा का कहना था कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकरी नहीं है। आप लोगों से पता चल रहा है। इसको लेकर वार्ड बॉय व मेडिकल ऑफिसर से पूछताछ की तो सभी ने ऐसे मामले से इंकार कर दिया है। अगर पीड़ित की तरफ से ऐसी कोई लिखित शिकायत मिले तो वो कार्यवाही करने में सक्षम हो पायेगी।
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