कोरोना संक्रमण के कारण यंगस्टर्स की पर्सनालिटी में हुए बहुत बड़े बदलाव

Life Style

बच्चों में बढ़ीं मूड स्विंग्स और लापरवाही जैसी आदतें

पीएलओएस वन जर्नल ( PLOS One journal) में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि, युवाओं के व्यवहार में बहुत अधिक बदलाव होते हैं। स्टडी के लेखकों का कहा गया है कि,“युवाओं में मूड स्विंग और स्ट्रेस बढ़ा है और इन सबके चलते बच्चों में सहयोग की कमी और दूसरों पर विश्वास ना कर पाने जैसी दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा वे अपनी जिम्मेदारियों से बचने  जैसा व्यवहार भी कर रहे हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यंगस्टर्स के ऊपर महामारी जैसी स्थितियों का सबसे व्यापक असर देखा जाता है। इससे समझ में आता है कि कम उम्र में बीमारियों का प्रभाव कितना गम्भीर हो सकता है।

जानकारों का कहना है कि, कोरोना महामारी का समय हर किसी के लिए मुश्किल था लेकिन, बच्चों और नौजवानों के जीवन पर इसका बहुत असर पड़ा। बच्चों के स्कूल और कॉलेज बंद थे। इससे बच्चों की एक्टिवटीज बंद हो गयीं और उनका लोगों से मिलना-जुलना भी बंद हो गया। जो कि उनकी मेंटल हेल्थ के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हुआ।

शोधकर्ताओं का मानना है कि लॉकडाउन और महामारी के कारण बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास भी प्रभावित हुआ है।

– एजेंसी