‘असली शिवसेना किसकी है’ इस मामले में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी की वो याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उद्धव ठाकरे गुट की मांग की थी कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले, चुनाव आयोग पार्टी सिंबल पर सुनवाई न करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग की कार्रवाई रोकने से मना कर दिया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला किया है। यानी इस फैसले के बाद चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही चलती रहेगी।
फैसले के मायने
मोटे तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को यह फैसला करने की अनुमति दे दी कि शिवसेना का कौन सा गुट असली है और किसे शिवसेना का चुनावी चिन्ह दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया और उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका को खारिज कर दिया।
इस फैसले से शिवसेना के दूसरे गुट को राहत मिली है। शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा कर रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट का तर्क है कि शिवसेना के ज्यादातर विधायक और सांसद उनके खेमे में शामिल हैं। ऐसे में शिवसेना का चुनाव चिन्ह उन्हें ही दिया जाना चाहिए
-एजेंसी