प्रवचन: परंपराओं के प्रति हो जाएं ज्ञानवान, वरना बच्चों के पूछने पर होना पड़ेगा निरुत्तर- राष्ट्र संत डॉक्टर मणिभद्र

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आगरा ।राष्ट्र संत नेपाल केसरी डा.मणिभद्र महाराज ने कहा है कि अब बच्चे इंटरनेट से बहुत कुछ सीख रहे हैं। वे आपसे कुछ भी पूछ सकते हैं। इसलिए आप भी परंपराओं के प्रति ज्ञानवान हो जाएं। वरना आपको निरुत्तर होना पड़ेगा।

महावीर भवन, न्यू राजामंडी में जैन मुनि डा.मणिभद्र महाराज, भाई दूज पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का बच्चा बहुत जिज्ञासु है। वह इंटरनेट पर लगातार सर्च करके बहुत कुछ अच्छा भी जान रहा है। यदि उसने आपसे भाई दूज का महत्व पूछा, दीप जलाने की परंपरा पूछी और आप नहीं बता पाए तो उचित नहीं होगा। इसलिए अब हर व्यक्ति को सजग रहना होगा। सभी परंपराओं को जानना होगा। तभी मानव जीवन का उत्थान होगा। बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं के बारे में बताएं। तभी वह शाश्वत हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि भाई दूज का चंद्रमा विकास का प्रतीक होता है। दूज के बाद चंद्रमा लगातार विकास करता है। पूर्णामासी का चंद्रमा सभी को उल्लास देता है। जैन मुनि ने कहा कि समय बदल गया है, उसे फिर से बदलना होगा। हम त्योहार पर केवल आंडबर करते हैं। दीपावली पर दीप जलाते हैं,लेकिन पता नहीं कि क्यों दीप जलाते हैं। भाई दूज क्यों मनाते हैं, उसकी भी जानकारी नहीं है। हमें सब कुछ पहले से ही पता रखना चाहिए। भगवान महावीर ने जो नौ तत्व बताएं हैं उनकी जानकारी भी सभी को देनी चाहिए।

जैन संत ने कहा कि धर्म की जय बोलना तो आसान है, लेकिन साधु का मार्ग जानना, उस पर चलना बहुत कठिन है। संतों की शरण में आ कर धर्म को जानें, मानें और उस पथ के अनुगामी बनें।

गुरुवार की धर्मसभा में सुमित्रा सुराना की 6 उपवास की तपस्या चल रही है।सभा में संघ के अध्यक्ष अशोक जैन सुराना, मंत्री राजेश सकलेचा, आदेश बुरड़, वैभव जैन, सचिन जैन, राजीव चप्लावत, संजय जैन, नरेश चप्लावत, सुलेखा सुराना, अंजली जैन सहित अनेक धर्मप्रेमी उपस्थित थे।

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