आगरा: पापा संस्था की ओर से शहीद स्मारक में चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में संस्था की ओर से सभी पार्टी के प्रत्याशियों को बुलाया गया था लेकिन इस चौपाल में सिर्फ कांग्रेस और आप पार्टी के उत्तर विधानसभा के प्रत्याशी ही पहुँचे थे। अभिभावकों ने भी चौपाल में शिरकत की। चौपाल के माध्यम से आम व्यक्ति व अभिभावकों ने प्रत्याशियों से सीधे संवाद किया और अपनी समस्याओं को भी सामने रखा। दोनों पार्टी के प्रत्याशियों ने छात्रों की और अभिभावकों की समस्याओं को लेकर
चौपाल के दौरान अभिभावकों के सामने अपने बच्चों की शिक्षा संबंधित समस्याएं थी जिन्हें प्रत्याशियों के सामने रखा गया। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट गयी। फीस का दबाव झेलना पड़ा और जो अभिभावक फीस नहीं दे सके आज भी उनके बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ नहीं पाए। काफी अभिभावक अभी भी बेरोजगार है। उनके बच्चे कैसे शिक्षित बनेंगे।
कांग्रेस प्रत्याशी विनोद बंसल और आप पार्टी के कपिल बाजपेई दोनों ही प्रत्याशी एक मुद्दे पर सहमत दिखाई दिए। दोनों ने एक स्वर में कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जिस तरह से बच्चों की शिक्षा का चक्र आर्थिक तंगी के कारण छूटा, बेरोजगारी व अन्य समस्याओं के कारण अभिभावकों और स्कूल प्रबंधक के सामने जो समस्याएं आई वह किसी से अछूती नहीं है। यह पीढ़ी देश का भविष्य है लेकिन इस समय इस पीढ़ी का भविष्य खराब न हो इस पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों सरकारी व गैर सरकारी स्कूल संचालकों को किसी भी तरह की मदद नहीं की, यह सरकार का सबसे बड़ा फेलियर है।
कांग्रेस प्रत्याशी उपेंद्र सिंह ने अभिभावकों के जवाब देते हुए कहा कि अगर आप लोगों ने मुझे विधायक के रुप में चुनकर विधानसभा भेजा तो वह अभिभावकों के सामने जो समस्याएं हैं, उन समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव लड़ाई लड़ूंगा। आर्थिक तंगी के कारण जो बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे उन्हें प्रवेश दिलाना मुख्य प्राथमिकताओं में रहेगा, साथ ही प्राइवेट स्कूल संचालकों से भी इस संबंध में वार्ता कर उचित समाधान निकाला जाएगा जिससे बच्चे की शिक्षा का चक्र न टूटे।
आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कपिल बाजपेई का कहना है कि अन्य पार्टी और उनके प्रत्याशियों के पास शिक्षा से जुड़ी कोई भी अच्छी नीति नहीं है। यह नीति सिर्फ आप पार्टी के पास है। जिस तरह से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा नीति को बदल कर उसे सुदृढ़ बनाया है और कोरोना काल से लड़ने के बाद हर बच्चा वहां शिक्षा ले रहा है। उसी के आधार पर यहां भी अभिभावकों और छात्रों की लड़ाई को लड़ा जाएगा।
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