भवननिर्माण कला का बेजोड़ नमूना है हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित जटोली शिव मंदिर। इसे एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। यह मंदिर शिव भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिऱ। यहां महाशिवरात्रि को भारी संख्या में शिव भक्त उमड़ते हैं। मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली से बना है। मंदिर को बनने में ही करीब 39 साल का समय लगा।
सोलन शहर से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित जटोली मंदिर के पीछे मान्यता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए और कुछ समय यहां रहे थे। बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा है। यहां पर शिव लिंग स्थापित किया गया है। मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। इसी कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है।
महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर कमेटी की ओर से बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम पूरी रात चलता है। दूर-दूर से श्रद्धालू शिवरात्रि को यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में इस दौरान बड़े भंडारा भी लगाया जाता है। इसके अलावा हर रविवार को भी यहां भंडारा लगता है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
सोलनसे राजगढ़ रोड होते हुए जटोली मंदिर को जा सकते है। सड़क से करीब 100 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर है। दाईं ओर भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। इसके 200 मीटर की दूरी पर शिवलिंग है। यहां के लिए बस सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा टैक्सी और ऑटो से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
– एजेंसी