श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज की अपील, मुस्लिम ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हमें दे दें…

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गोविंद देव गिरि ने कहा, मैं मुस्लिमों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। ये आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए थे। विदेशी हमलों में 3500 हिंदू मंदिर तोड़े गए। हमारे ऊपर ये सबसे बड़े दाग हैं। लोगों को दुख है। अगर वे इस दुख को भाईचारे के साथ खत्म कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पुणे के आलंदी में उन्होंने कहा- हमने राम मंदिर का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढ़ लिया। अब क्योंकि ऐसा युग शुरू हो गया है, तो हमें उम्मीद है कि अन्य मुद्दे भी शांतिपूर्ण तरीके से हल हो जाएंगे। मुस्लिम समुदाय के लोग शेष दो मंदिरों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए तैयार हैं, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध करते हैं।

गोविंद देव गिरि का 75वां जन्मदिन

पुणे में गोविंद देव गिरि के 75वें जन्मदिन पर गीता परिवार द्वारा गीता भक्ति अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत 4 से 11 फरवरी के बीच विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में RSS प्रमुख मोहन भागवत और श्री श्री रविशंकर सहित अन्य लोग शामिल होंगे।

भागवत बोले, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा साहसिक काम

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को आलंदी में गीता भक्ति अमृत महोत्सव में कहा- 22 जनवरी को रामलला का आगमन हुआ। यह काफी संघर्ष के बाद एक साहसी काम था। वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि रामलला को उनके स्थान पर देखा। यह वास्तव में भगवान के आशीर्वाद और इच्छा के कारण हुआ।

उन्होंने कहा कि भारतवर्ष को ऊपर उठना होगा क्योंकि दुनिया को इसकी जरूरत है। अगर किसी भी कारण से भारत समर्थ नहीं बना या उठ नहीं सका तो दुनिया को जल्द ही विनाश का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की स्थिति बनी हुई है। दुनिया भर के बुद्धिजीवी इस बात को जानते हैं। वे इस पर कह और लिख रहे हैं।

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा, व्यासजी का तहखाना खोला गया

अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इसके बाद वाराणसी की एक अदालत ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी थी। दो दिन में ही करीब ढाई लाख भक्त दर्शन भी कर चुके हैं।

हालांकि कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने पूजा पर फौरन रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी, लेकिन याचिका खारिज हो गई। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को हाईकोर्ट में होगी। तब तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच व्यासजी के तहखाने में पूजा हो रही है।

-एजेंसी