भारत और रूस के रिश्‍तों पर अमेरिका बोला, उनके रिश्‍ते दीर्घकालीन

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एक दिन पहले ही यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू को दिए इंटरव्यू में कहा था कि रूस की ओर से भारत को मिल रहे कच्चे तेल के हर बैरल में यूक्रेनी ख़ून का एक अच्छा हिस्सा है. अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू से बातचीत में कुलेबा ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में मदद की थी. इंटरव्यू के दौरान कुलेबा ने कहा, हम कृषि उत्पादों ख़ासकर सनफ़्लावर ऑयल के प्रतिबद्ध सप्लायर्स और ट्रेडर हैं. हमें भारत से मज़बूत और व्यावहारिक सहयोग की उम्मीद थी.

जबकि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ये बताया था कि यूक्रेन पर हमले के बाद लगे प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस से तेल ख़रीदना क्यों जारी रखा है. थाइलैंड में भारतीय समुदाय से बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा था कि भारत में लोगों की आमदनी इतनी नहीं कि वे ऊँचे दामों में पेट्रोल-डीज़ल ख़रीद पाएँ. ऐसे में ये उनका नैतिक दायित्व है कि वे अपने लोगों को सबसे अच्छा सौदा दिलवाएँ.

-एजेंसी