सूर्य देव को जल देने की प्रक्रिया धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ व्यक्ति के स्वास्थ्य से भी जुड़ी हुई हैं। जितना इसका धार्मिक रूप से महत्व है उतना ही यह हमारे शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भी महत्ता रखता है। हमे प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देने को कहा जाता हैं लेकिन आखिरकार सूर्य को जल देने के फायदे क्या होते हैं?
यदि आप भी सूर्य को अर्घ्य देने के लाभ जानना चाहते हैं तो इस लेख के माध्यम से आपको वह सब लाभ जानने को मिलेंगे जो हमे सूर्य भगवान को जल चढ़ाने से मिलते हैं।
आँखों के लिए अत्यंत लाभदायक
सूर्य प्रकाश का एकमात्र स्रोत है व इसी से हमें विश्व में हर चीज़ दिखाई देती हैं। सूर्य से जो प्रकाश हमारे पास पहुँचता है वह सात रंगों का होता हैं। जब हम सूर्य को एक सीधी धारा में जल अर्पित करते हैं तो सूर्य का प्रकाश उसमे से परावर्तित होकर हमारी आँखों में सकारात्मक प्रभाव डालता हैं। साथ ही सुबह के समय सूर्य का प्रकाश इतना तेज़ नही होता हैं जिस कारण हम सूर्य को सीधी आँखों से देख सकते हैं।
ऐसा करने से आखों के दोष दूर होते हैं व रंगों का असंतुलन ठीक होता हैं। सूर्य के द्वारा आखों को मिले प्रकाश व रंगों का संतुलन ठीक होने से हमारी आँखें पहले से ज्यादा स्वस्थ व तेज बनती है और उनकी रोशनी बढ़ती हैं।
विटामिन डी का मिलना
यह तो सब जानते हैं कि सूर्य से हमें विटामिन डी मिलता हैं। साथ ही विटामिन डी का मुख्य स्रोत भी सूर्य से निकली किरणें ही हैं। सुबह के समय सूर्य से हमें विटामिन डी सबसे अधिक मात्रा में मिलता हैं। इसलिए सुबह के समय सैर या मोर्निंग वॉक की जाती हैं। विटामिन डी की भरपूर मात्रा मिलने से हमारी हड्डियाँ मजबूत बनती हैं व शरीर में कैल्शियम की कमी नही होती हैं। इससे हमारा संपूर्ण शरीर हष्ट पुष्ट बनता हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ना
सुबह के समय सूर्य की किरणें हानिकारक नही होती हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। हमारे शरीर में जो विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, जीवाणु, विषाणु होते हैं वह सब सूर्य के प्रकाश में नष्ट या निष्प्रभावी हो जाते हैं। इससे यह हमारे शरीर की विभिन्न प्रकार के संक्रमणों व रोगों से भी रक्षा करता हैं।
मन का एकाग्रचित्त होना
सूर्य को जल देने व जल की धारा पर ध्यान केन्द्रित करने से हमारा मन पहले की तुलना में ज्यादा एकाग्र व शांत बनता हैं। यदि आपको अपने काम पर ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी का सामना करना पड़ता हैं तो प्रतिदिन सूर्य को जल देने से यह समस्या समाप्त हो सकती हैं। इससे आपका मन एकाग्रचित्त होगा व सोचने-समझने की क्षमता भी विकसित होगी।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
सूर्य को जल देते समय हमारी छाती सूर्य के सामने होती हैं जिसमे प्रकाश सोखने की क्षमता सबसे अधिक होती हैं। हमारे हृदय तक सूर्य का प्रकाश सीधे पहुँचता हैं जो हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा के संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। इससे हमारे मन से दूषित विचार दूर होते हैं, चित्त शांत व प्रसन्न रहता हैं, इच्छाशक्ति मजबूत बनती हैं व अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती हैं। आप स्वयं पाएंगे कि आपका मन पहले की तुलना में कही अधिक शांत व स्वच्छ विचारों वाला हो गया हैं।
हृदय रोग की आशंका कम
नित्य सूर्य देव को जल चढ़ाने से हृदय रोग की आशंका नामात्र या बहुत कम रह जाती हैं। इसलिए यदि आपको हृदय या दिल से जुड़ी किसी प्रकार की कोई समस्या हैं तो आप आज से ही सूर्य भगवान को जल चढ़ाना शुरू कर दे।
चर्म रोग से मुक्ति
सुबह के समय सूर्य की किरणें हमारे शरीर पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। स्नान करने के पश्चात जब हम सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं तो हमारे शरीर के असंख्य रोमछिद्र सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं। यह सूर्य का प्रकाश हमे कई प्रकार के चर्म रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता हैं।
सूर्य को अर्घ्य देने का ज्योतिषीय महत्व
सूर्य भगवान को जल देने का ना केवल स्वास्थ्य लाभ मिलता है बल्कि इसके कई ज्योतिषीय महत्व भी है जिसके बारे में हमे जानना चाहिए। सूर्य भगवान को धन संबंधी या नौकरी या व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। इसलिए यदि आपकी नौकरी या व्यवसाय में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो सूर्य भगवान को अर्घ्य दे।
पैतृक संपत्ति में लाभ
सूर्य देव का संबंध सीधे-सीधे पिता से भी बताया गया है। इसलिए यदि आपकी पैतृक संपत्ति में कोई विवाद चल रहा है या किसी और चीज़ को लेकर विवाद है तो वह भी दूर हो जाएगा।
मान सम्मान में वृद्धि
सूर्य देव को प्रतिदिन जल अर्पित करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में भी वृद्धि देखने को मिलती है। यह भी सूर्य भगवान को जल अर्पित करने का एक ज्योतिषीय लाभ है।
– एजेंसी
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