महाराष्ट्र के बदलापुर में पिछले महीने 3 और 4 साल की 2 बच्चियों से यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने सोमवार को पुलिस रिवॉल्वर छीनी और 3 राउंड फायरिंग की। इसमें एक अफसर घायल हो गया।
दरअसल आरोपी अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से पुलिस एक मामले में हिरासत में लेकर जा रही थी। इस दौरान आरोपी अक्षय शिंदे ने गाड़ी में एक पुलिसकर्मी से रिवाल्वर छीन ली और पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी। इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की ओर फायरिंग की गई। इसमें अक्षय शिंदे को गोली लग गई। इससे वह घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अक्षय शिंदे ने दम तोड़ दिया।
बदलापुर यौन शोषण केस में कल (24 सितंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। एक NGO की याचिका में देशभर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई है।
बदलापुर में यौन शोषण की घटना 12 और 13 अगस्त की है। आदर्श स्कूल में 23 साल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने दोनों बच्चियों का यौन शोषण किया। इसके बाद दोनों लड़कियां स्कूल जाने से डर रही थीं। माता-पिता को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की को भरोसे में लेकर पूछताछ की तो बात सामने आई।
एक अभिभावकों ने उसी कक्षा की दूसरी लड़की के माता-पिता से संपर्क किया। जब डॉक्टर ने जांच की तो असल घटना सामने आई। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने पॉक्सो का मामला होने के बावजूद एफआईआर दर्ज करने में टालमटोल की। बाद में उन्हे सस्पेंड कर दिया गया।
बच्ची के माता-पिता ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से बदलापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। दो दिन बाद 16 अगस्त शुक्रवार देर रात केस दर्ज किया। 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी अक्षय 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था।
घटना को लेकर भीड़ ने 20 अगस्त को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही। शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। तब पुलिस पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी।
कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बदलापुर स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ने मामले की जांच के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था।इसके अलावा, सरकार ने केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात कही थी।
राज्य सरकार ने यौन शोषण का केस दर्ज करने से 12 घंटे तक टालते रहे बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही प्रिंसिपल समेत कुछ स्कूल स्टाफ को भी सस्पेंड किया था।
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चियों के अभिभावकों की मदद करने के बजाय अपराध को छिपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को रिपोर्ट पेश कर चुका है।
-एजेंसी