उत्तर प्रदेश में इस समय भले ही माहौल चुनावी न हो, लेकिन मौसम के गर्म रहने के साथ-साथ राजनीतिक पारा भी हाई है। राज्यसभा चुनाव आराम से समाप्त हो चुका है। राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने तीन सीटों में से एक सीट आजम खान को साधने के लिए कपिल सिब्बल को उतारा। एक सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को उम्मीदवार बनाया।
तीसरी सीट पर जावेद अली खान को राज्यसभा भेजा लेकिन 13 सीटों के लिए विधान परिषद चुनाव में सपा को मिलने वाली 4 सीटों में से उन्होंने किसी भी गठबंधन दल को एक भी सीट नहीं दी। आस लगाए बैठे महान दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को निराशा हाथ लगी। हालांकि, सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने तो इस मसले पर कोई नाराजगी नहीं दिखाई है लेकिन महान दल ने सपा गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया। इसके बाद अखिलेश यादव की नाराजगी की खबरें सामने आईं। अब महान दल के अध्यक्ष केशवदेव मौर्य के फॉर्च्यूनर लौटाए जाने का मामला सामने आ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
यूपी चुनाव 2022 के पहले महान दल और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन के जरिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ओबीसी वोट बैंक में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, यूपी चुनाव में महान दल की ओर उचित हिस्सेदारी न मिलने का मामला सामने आया। माना जा रहा था कि अखिलेश यादव केशवदेव मौर्य को विधान परिषद के जरिए उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरी करेंगे, लेकिन उन्हें विधान परिषद नहीं भेजा गया।
भाजपा से सपा में यूपी चुनाव से पहले आए स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश ने विधान परिषद भेज दिया। नाराज केशव ने अखिलेश के साथ साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
केशवदेव मौर्य के गठबंधन छोड़ने के ऐलान ने अखिलेश यादव को खासा नाराज कर दिया। यूपी चुनाव के पहले गठबंधन में आने के बाद अखिलेश यादव की ओर से केशव देव को एक फॉर्च्यूनर गिफ्ट की गई थी, उसे वापस मांग लिया गया। केशवदेव मौर्य ने भी अखिलेश यादव द्वारा गिफ्ट की गई फॉर्च्यूनर वापस कर दी। इसके बाद से यह चर्चा काफी तेज हो गई है।
चुनाव के समय कैंपेनिंग के लिए दी थी गाड़ी
अखिलेश यादव की ओर से केशव देव मौर्या को यूपी चुनाव के समय में कैंपेनिंग के लिए फॉर्च्यूनर गाड़ी गिफ्ट की थी लेकिन अब दो दिन पहले जब केशवदेव ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया तो अखिलेश यादव को उनके सलाहकारों ने गाड़ी वापस लिए जाने की सलाह दी। इसके बाद अखिलेश के एक सलाहकार ने केशवदेव को फोन करके फॉर्च्यूनर को वापस करने को कहा। केशवदेव ने भी बिना कोई देर किए गाड़ी लौटा दी है। अब यह मामला यूपी के राजनीतिक गलियारे में खूब चर्चित हो रही है।
-एजेंसियां