बजट पर आगरा के पर्यटन उद्यमी बोले, मोदी सरकार ने हर बार की तरह इस बार भी हाथ में थमा दिया झुनझुना

Business

आगरा: ‘मोदी सरकार के इस साल के आम बजट में पर्यटन जगत को क्या मिला सिर्फ झुनझुना और लॉलीपॉप’ यह कहना था होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा का। मोदी सरकार के पिटारे से पर्यटन जगत के लिए कुछ ना निकलने से पर्यटन उद्यमी काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना था कि इस साल के बजट से उन्हें काफी उम्मीदें थी लेकिन सब उम्मीदें धराशाई और चकनाचूर हो गई।

पुरानी योजना को बजट में किया शामिल

मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज जो अपना आम बजट पेश किया है उसमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं थी लेकिन ‘देखो अपना देश’ नाम की योजना जिक्र जरूर हुआ है। इस योजना को लेकर जब होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वाधवा से बात हुई तो उनका कहना था कि यह कोई नई योजना नहीं है। कोविड-19 के समय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी, इसी को इस बजट में शामिल कर लिया गया है।

50 नए पर्यटन स्थल किए जाएंगे विकसित

रमेश वाधवा ने कहा कि जब से मोदी सरकार केंद्र में आई है पर्यटन को सिर्फ लॉलीपॉप ही मिल रहा है लेकिन इस बार भी मोदी सरकार ने लॉलीपॉप देने के अभियान को जारी रखा। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 नए पर्यटन स्थल विकसित करने की बात कही लेकिन यह पर्यटन स्थल कहां होंगे, कहां पर खोले जाएंगे, इसका कोई जिक्र ही नहीं है। कुल मिलाकर पर्यटन जगत से हर बार की तरह हाथ में झुनझुना थमा दिया गया है और कहा है कि इसे बजाते रहिए।

जीएसटी टैक्स को कम करने की बात भी नहीं

होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा का कहना था कि इस समय बजट क्लास होटल पर सबसे अधिक टैक्स की मार पड़ रही है। इस समय घरेलू पर्यटक ही भ्रमण के लिए आ रहा है जो अपने बजट के अनुसार ही बजट क्लास होटलों को चुना है लेकिन बजट क्लास होटल के रूम रेंट पर 12% का टैक्स उस पर्यटक को भारी पड़ रहा है। इस टैक्स कम करने की लगातार मांग की जा रही है लेकिन सरकार सुनने को राजी नहीं है। उन्हें उम्मीद थी कि इस बजट में होटल पर लगाए गए इस जीएसटी टेक्स्ट को कम किया जाएगा या फिर हटाया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

पर्यटन बोर्ड की भी नहीं हुई बात

उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्य रूप से पर्यटन बोर्ड की जरूरत है। सरकार कहती तो है लेकिन बजट में इस पर कोई बात भी नहीं होती। जब तक पर्यटन बोर्ड का गठन नहीं होगा, पर्यटन के विकास के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं होगा पर्यटन को बढ़ावा मिल ही नहीं सकता।