पुलिस की मनमानी का शिकार बना आगरा का जनकपुरी महोत्सव, रोज बंद करा रही जनक महल की लाइट, लोगों में आक्रोश, केंद्रीय मंत्री ने भी जताई नाराजगी

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आगरा: जनकपुरी बने संजय प्लेस में व्यवस्थाओं के नाम पर पुलिस की मनमानी चरम पर है। पासधारकों को भी रोका जा रहा है। अनेक पासधारकों के तीन दिन के पास पुलिस ने पहले दिन ही फाड़ कर रद्दी कर दिए। पिछले छह दिन से रात साढ़े दस से ग्यारह बजे के बीच ही जनक महल का विद्युत प्रकाश बंद करा दिया जाता है। इसे लेकर जनता में भारी आक्रोश है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने भी जनक महल के विद्युत प्रकाश को बंद कराए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में पुलिस कमिश्नर डा प्रीतिंदर सिंह से बात कर रहे हैं।

जनता के लिए बंद अधिकारी के परिवार के लिए जलवाईं जनक महल की लाइटें

जनकपुरी में जनक महल के निर्माता पुरुषोत्तम टैंट हाउस के अजय गोयल (अज्जू भाई) ने कहा कि लाखों रुपये की लागत से बने जनक महल की सुंदरता देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं, इनमें बड़ी संख्या ऐसे परिवारों की होती है जो भीड़ से बचने के लिए देर रात में यहां पहुंचते हैं, लेकिन रोज रात को पुलिस द्वारा दबाव बनाकर विद्युत प्रकाश बंद करा दिया जाता है। पुलिस का दबाव इस कदर है कि विगत देर रात्रि भी पहले तो लाइटें बंद करा दीं, लेकिन कुछ समय बाद ही एक अधिकारी अपने परिवार के साथ जनक महल देखने आए तो पुलिस ने बंद लाइटें फिर से चालू करा दीं और उनके जाते ही उन्हें फिर बंद करा दिया। विद्युत ठेकेदार ने जनता के लिए थोड़ी देर और लाइटें खुली रहने देने का अनुरोध किया, लेकिन पुलिस नहीं मानी।

अजय गोयल (अज्जू भाई) ने सवाल किया कि किसी अन्य समाज के इतने बड़े आयोजन में क्या पुलिस की इस कदर मनमानी चल सकती है? उन्होंने जनकपुरी समिति से भी सवाल किया कि जब वह जनता से आर्थिक सहयोग लेकर आयोजन पर लाखों रुपये खर्च कर रही है तो जनता की सुविधाओं का ख्याल क्यों नहीं रख रही।

पुलिस ने पीट दिया पदाधिकारी के भाई को

पुलिस कर्मी इस कदर निरंकुश हैं कि विगत देर रात्रि उन्होंने जनक महल के सामने के ब्लॉक में मामूली बात पर जनकपुरी महोत्सव समिति के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के भाई की पिटाई लगा दी। घटना के बारे में पता लगते ही जनकपुरी समिति एवं आसपास रहने वाले लोग दौड़ कर पहुंचे और बीच बचाव कराया। क्षेत्रीय निवासियों में पुलिसकर्मियों के खिलाफ आक्रोश फैल गया। भाई की पिटाई की खबर सुनकर पदाधिकारी भी पहुंच गए, लेकिन उन्होंने स्वयं धैर्य रखते हुए आयोजन को शांति से सम्पन्न होने देने की अपील की।

खाकीवर्दी ने भी कब्जा लिए सोफे

जनक महल के प्रवेश द्वार पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा अपने परिवारों और परिचितों को बड़ी संख्या में प्रवेश दिया जा रहा है। गुरुवार की रात्रि अधिकांश दर्शक दीर्घा ऐसे ही लोगों से भरी हुई थी। रामलीला कमेटी के लिए बनाई गई दीर्घा में भी अग्रिम पंक्ति में खाकी वर्दीधारी जमे रहे और कहते रहे कि वीवीआईपी के लिए स्थान बनाए रखने के लिए वे यहां बैठे हैं। लेकिन अंत तक कोई वीवीआईपी यहां नहीं आया। पुलिसकर्मी ही अकेले कब्जा किए रहे।

जनकपुरी महोत्सव समिति ने तमाम समितियां बनाकर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी थी, प्रवेश द्वारों पर भी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन प्रवेश द्वारों पर वे नजर नहीं आए, हर किसी की दिलचस्पी मंच के आस-पास चेहरा चमकाने में थी।