आगरा: नरीपुरा स्थित आर हॉस्पिटल में तड़के सुबह हुए भीषण अग्निकांड के बाद जैसे ही शाम को पिता-पुत्र और पुत्री तीनों के शव पहुंचे तो पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। चारों ओर से चीख पुकार ही सुनाई दे रही थी। पूरा क्षेत्र गमगीन माहौल में डूब गया। क्षेत्र में रहने वाला हर व्यक्ति अपनी संवेदना व्यक्त करने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को ढाढस बंधाने के लिए पहुँच रहा था। मृतक के परिवारी जन भी ज्यादा समय न लेते हुए तुरंत शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
बच्चों को बचाने में गयी पिता की जान
जानकरी के मुताबिक अस्पताल संचालक राजन सकुशल अपने आवास तक आग की लपटों से बचकर बाहर आ गए थे लेकिन जब पता चला कि उनके बेटा और बेटी बाहर नहीं निकल सके तो उन्हें बचाने के लिए दोबारा घर के अंदर चले गए। आग के कारण उठे धुंए के कारण तीनों लोग अंदर ही फंसे रह गए और बेहोश हो गए। आग पर काबू पाने के बाद जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और तीनों की मौत हो गयी थी।
जैसे ही चिकित्सक और उनके दोनों बच्चों की शव घर पहुंचे। पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा। तीन शव देखकर हर व्यक्ति की आंखें नम थी। इस बीच लोग चिकित्सक राजन की अच्छाई और व्यवहार की सराहना कर रहे थे। लोगों का कहना था कि राजन बहुत व्यवहारिक थे। कभी किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं और हर किसी के लिए मददगार थे। उनके साथ हुए इस हादसे ने हम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है।
प्रथम दृष्टया रिपोर्ट में शॉर्ट सर्किट
बुधवार सुबह शहर के नरीपुरा स्थित आर मधुराज अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड और उस हादसे में हुई तीन लोगों की मौत ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। हॉस्पिटल में लगी भीषण आग पर अग्नि शमन विभाग के कर्मचारियों ने बमुश्किल काबू पाया। आग पर काबू पाने के बाद फोरेंसिक टीम ने सैंपल लिए तो वहीं अग्निशमन विभाग ने भी जांच पड़ताल कर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसको लेकर चीफ फायर ऑफिसर का कहना है कि प्रथमदृष्टया मामला शार्ट सर्किट का है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पताल ग्राउंड फ्लोर पर बना था जबकि आवास अपर ग्राउंड फ्लोर पर। अपर ग्राउंड फ्लोर पर ही दुकान है, जिसमें फोम व अस्पताल से सम्बंधित सामान रखा था। आग दुकान में लगी, उसका सारा धुंआ उसी फ्लोर पर बने आवास में फैल गया। फोम अधिक होने से आग तेजी के साथ बढती चली गयी और अस्पताल संचालक समेत उनके बेटा और बेटी की मृत्यु हो गयी।