आगरा: आगरा सुधार सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता शीतल राजपूत ने गंगाजल प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ताजगंज क्षेत्र में गंगाजल की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। यह कार्य सुखराम बिश्नोई इंटरप्राइजेज द्वारा किया जा रहा है लेकिन उनके द्वारा जो पेयजल पाइप लाइन बिछाई जा रही है वह मानक के अनुसार नहीं है। अगर पाइपलाइन बिना मानक के बिछाए जाने का कार्य पूरा हुआ तो भविष्य में ताजगंज निवासियों के साथ-साथ व्यापारियों और ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
न्यायपालिका से की है शिकायत
समिति की अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता शीतल राजपूत में बताया कि उन्होंने गंगाजल प्रोजेक्ट में चल रही धांधली और मानक के अनुसार कार्य न होने की शिकायत जिला प्रशासन और न्यायपालिका को लिखित शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शीतल ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी तक पानी पहुंचना संभव नहीं है। उनका कहना है कि जिस निविदा के अनुसार यह ठेका लिया गया था और कार्य होना था उसका बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा है।
कंपनी नहीं कर रही मानक के अनुसार काम
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शीतल राजपूत ने प्रेसवार्ता कर आरोप लगाए हैं कि एसबीई कंपनी को गंगाजल की पेयजल पाइप लाइन बिछाने और घरों में कलेक्शन देने का ठेका मिला है लेकिन ठेकेदार मानकों के अनुसार कार नहीं कर रहे हैं। गंगाजल की पाइपलाइन बिछाई जा रही है और जो कनेक्शन के दिये जा रहे हैं वो मानकों के अनुसार नही है। आधे या फिर एक फुट पर ही पाइपलाइन बिछा दी गई है। कोई भी लाइन DI और HDPI मानकों पर नहीं बिछी है। कई जगह तो DI पाइप लाइन के ऊपर ही HDPI पाइपलाइन बिछा दी गई है। यह मटेरियल भी गुणवत्ता युक्त नहीं लगाया जा रहा है। कंपनी सरकार के साथ-साथ लोगों को भी धोखा देने का काम कर रही है।
कार्य की हो जांच
आगरा सुधार सेवा समिति के महासचिव नयन राजोरा का कहना है कि ताजगंज क्षेत्र में गंगाजल पाइप लाइन बिछाने का जो कार्य चल रहा है। अगर सरकार और स्थानीय प्रशासन उसकी जांच कराएं तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा कि इस प्रोजेक्ट में कितनी धांधली हो रही है और गुणवत्ता युक्त कार्य भी हो रहा है या नहीं।