शव खींचकर पोस्टमार्टम कराने के बाद आगरा पुलिस अंतिम संस्कार के लिए जबरन ले गयी शव

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आगरा: आगरा पुलिस की कार्यवाई ने हाथरस कांड और थाना जगदीशपुरा में हुई अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना ताज़ा कर दी है। इस घटना ने पुलिस पर सवालिया निशान भी खड़े कर दिए हैं। बीते मंगलवार को आटो चालक की संदिग्ध हालत में मौत के बाद पुलिस लगातार सवालाें में घिरती जा रही है। अब तक पुलिस पर ऑटो चालक की पिटाई और पुलिस कस्टडी में उसकी मौत का आरोप लग रहा था लेकिन अब पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार के लिए शव उठाकर ले जाने का भी आरोप लगा रहे हैं। घर के सामने से पुलिस ने जबरन शव उठा लिया। आटो चालक की पत्नी और बेटी चीखती रह गईं। इसके वीडियो भी तेजी के साथ वायरल हो रहे है।

मामला हरीपर्वत थाना क्षेत्र का है। मंडी सईद खां निवासी आटो चालक 36 वर्षीय भगवान दास की मंगलवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी अनीता और परिवार ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया था। मंगलवार शाम इसको लेकर एसएन इमरजेंसी पर हंगामा हुआ। स्वजन स्ट्रेचर पर शव लेकर वहां से राजामंडी चौराहे तक आ गए। इसके बाद पुलिस ने जबरन शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा था। तड़के पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव लेकर घर पहुंच गए। बस्ती में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात था।

भगवान दास की बेटी मुस्कान का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने जबरन मौके से शव को उठा लिया। मुस्कान और उसके परिवार के लोग चीखते रह गए। पुलिस ने उन्हें मुंह भी नहीं देखने दिया। महिला पुलिसकर्मी आगे खड़ी हो गई थीं। उनका कहना है कि पहले पुलिस ने पीट-पीटकर उनके पिता को मार दिया। इसमें कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा। अब पिता का शव भी पुलिस अंतिम संस्कार के लिए जबरन घर से उठाकर शमशान घाट ले गई है। परिवार के सभी लोग भी मौके पर नहीं थे। वे उनके आने का इंतजार कर रहे थे। इससे पहले ही पुलिस अंतिम संस्कार को शव ले गई।

पुलिस की इस घटना ने एक बार फिर लोगों में दहशत फैला दी है तो वहीं इस पुलिस कार्यवाई से कई सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि अगर रखवाली के लिए ऐसी पुलिस को तैनात किया जाता है तो ऐसी पुलिस उन्हें नहीं चाहिए।