Agra News: बेटी के जन्मदिन पर आंखों में आंसू लिए बाल गृह से मायूस लौटी ‘यशोदा’, पांच घंटे इंतजार के बाद भी नहीं हो सकी मुलाकात

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Agra : बेटी के जन्मदिन पर उससे मिलने की उत्सुकता में पालनहार मां रात भर सो न सकी। उसके बचपन की यादों में खोई रही। उसे इंतजार था कि कब रात खत्म हो और सुबह अपनी बेटी को गले लगाकर उसके माथे को चूमे लेकिन पांच घंटे के लंबे इंतजार के बाद भी बेटी से मुलाकात नहीं हो सकी। अंत में रोते-रोते घर बापस लौट गई । फोटो सामने रखकर केक काटना पड़ा। 15 महीने से बाल गृह में निरुद्ध बालिका मंगलवार को नौ साल की हो गई। बेटी के साथ बिताए आठ सालों का एक एक पल उसे याद आ रहा था।

डीएनए टेस्ट कराने ले गई पुलिस

मां बेटी के मिलन का समय मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा निर्धारित किया गया था। यशोदा सुबह 9:30 बजे घर से बाल गृह के लिए निकल गई थी। रास्ते में उसे चार स्थानों पर ऑटो बदलने पड़े। जिसके चलते वह लेट हो गई। वह करीब 11:30 बजे चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के साथ बाल गृह पहुंची लेकिन तब तक पुलिस की टीम बालिका को डीएनए टेस्ट करने के लिए ले जा चुकी थी। यशोदा बेटी के लौटने का 4:30 बजे तक इंतजार करती रही। बाल गृह के दरवाजे पर बैठकर बेटी की यादों में खोई रही। उसका कहना था कि वह लंबे समय बाद आज अपनी बेटी से मिलेगी। रविवार को हुई मुलाकात में बेटी ने उससे कहा था की मम्मी मुझे अपने साथ ले चलो। तब यशोदा ने उससे वादा किया था कि वह मंगलवार को आकर उसका जन्मदिन मनाएगी लेकिन बेटी का जन्मदिन नहीं मना सकी।

हाईकोर्ट द्वारा हो रही निगरानी

इस पूरे प्रकरण की इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निगरानी की जा रही है। हाईकोर्ट ने शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से बेटी से मिलने के आदेश जारी किए हैं। जिस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने प्रत्येक मंगलवार को पूर्वाह्न 11:00 बजे मुलाकात का समय निर्धारित किया है लेकिन इस मंगलवार यशोदा की मुलाकात बेटी से नहीं हो सकी।

डीएनए टेस्ट के बाद होगा सच से सामना

बालिका के हित की लड़ाई लड़ने और हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने कहा कि ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी नितिन गर्ग ने भी दावा किया है कि बाल गृह में निरुद्ध बालिका उनकी है। हाईकोर्ट ने उनको भी प्रतिवादी बनाया है तथा शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। बालिका के जैविक माता-पिता का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट ने दोनों का डीएनए टेस्ट करने के आदेश दिए हैं।

नितिन की बेटी वर्ष 2015 में लापता हुई थी जबकि यशोदा को बालिका वर्ष 2014 में मिली थी। इसके बीच एक साल का अंतर है। जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय पाल सिंह ने नरेश पारस को बताया कि पुलिस बालिका का डीएनए टेस्ट कराने ले गई है। उनके बापस आने के बाद ही मुलाकात हो सकेगी। डीएनए टेस्ट कराकर बालिका शाम लगभग पांच बजे वापस आई लेकिन पांच घंटे के इंतजार के बाद 4:30 बजे यशोदा वापस घर लौट गई। संभवतः गुरुवार को बालिका से मुलाकात कराई जा सकती है।