– 47 बाढ़ चौकियां बनाई गई, निचले इलाकों में मुनादी शुरू
– स्वास्थ्य विभाग को राहत व दावा वितरण शिविर बनाने के निर्देश
आगरा: पहाड़ों पर भारी बारिश से जिले में भी यमुना नदी उफान की ओर अग्रसर है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना खतरे का निशान छू सकती है। जिला प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने आज गुरुवार को कई क्षेत्रों का दौरा करके संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।
शहर में वॉटर वर्क्स पर मंगलवार को नदी का जलस्तर 484 फुट था, जो बुधवार को 489.8 फुट हो गया और आज गुरुवार सुबह आठ बजे 491.5 फीट तक पहुंच गया। यह लो फ्लड लेवल से 4.50 फीट नीचे है। यमुना में लो फ्लड लेवल 495 फुट है। वर्ष 1979 में यमुना जलस्तर 508 फुट हो गया था।
जिलाधिकारी ने बताया कि 47 बाढ़ चौकियां विभिन्न बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्थापित की गई हैं। संबंधित विभागों के अधिकारी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। बाढ़ संभावित तीन तहसीलों में ग्रामीणों के साथ जागरूकता बैठक तथा मुनादी कराई जा रही है।
पिछले 24 घंटे में पांच फुट जलस्तर बढ़ने से बल्केश्वर, पोइया घाट, कैलाश मंदिर से लेकर फतेहाबाद और बटेश्वर तक बाढ़ चौकियां तैयार हो गई हैं। यमुना नदी से जिले में 47 और चंबल नदी से पिनाहट व बाह में 36 गांव कुल 83 गांव प्रभावित होते हैं।
जिलाधिकारी चहल ने आज तहसील सदर के ग्राम तनौरा नूरपुर से तहसील फतेहाबाद के विभिन्न संभावित बाढ़ ग्राम क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने यमुना से लगे डूब क्षेत्र को देखा और ग्रामीणों से बात की। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को गोताखोर व नाविकों की टीम तैनात करने, बाढ़ चौकी पर समस्त व्यवस्था करने, जलस्तर बढ़ने की अद्यतन जानकारी संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को देने, स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में वाटर प्यूरीफायर टैबलेट, ओआरएस, बुखार तथा अन्य दवाइयों का वितरण व कैंप स्थापित करने तथा बाढ़ से निपटने की समस्त तैयारी पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी राकेश बाबू ने बताया कि नौ जुलाई को हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा 3.2 लाख क्यूसेक पानी ओखला पहुंच गया है। ओखला से बुधवार दोपहर एक बजे 1.87 लाख क्यूसेक पानी यमुना में पास किया जा रहा है। गोकुल बैराज से 59 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज है।