आगरा: छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने जैतपुर थाना क्षेत्र के नंदगवा रोड निवासी 70 वर्षीय भानु प्रताप को दोषी पाया। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने आरोपी को 10 साल कारावास के साथ 50 हजार रुपये के दंड की सजा सुनाई। इस फैसले से दुष्कर पीड़िता के परिजनों ने खुशी जताई और कहा कि अदालत ने उनके साथ न्याय किया है ऐसे दरिंदों को सलाखों के पीछे ही होना चाहिए।
6 साल बाद आरोपी को हुई सजा:-
पूरा मामला थाना जैतपुर से जुड़ा हुआ है। 24 जनवरी 2018 को एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी 6 वर्षीय अबोध बेटी शाम 6 बजे गली में स्थित एक मकान में छोटे बच्चे को गोद में लेकर खिला रही थी। इस दौरान आरोपी भानु प्रताप उनकी बेटी को बहलाकर अपने घर ले गया। उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध पर जान से मारने की धमकी देकर पिटाई भी की। बच्ची ने घर जाकर मां को घटना के बारे में जानकारी दी। इस पर आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया मामला न्यायालय तक जा पहुंचा।
न्यायालय में कई अहम गवाह किए गए पेश:-
न्यायालय के विचारण के दौरान मामले की पुष्टि के लिए पीड़िता, उसके माता-पिता, डॉक्टर रुचि रानी, निरीक्षक सुरेंद्र कुमार सागर, एसआई चंद्र प्रकाश शर्मा और निरीक्षक बीरेंद्र पाल सिंह को गवाही हेतु अदालत में पेश किया गया। आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत होने पर न्यायाधीश ने आरोपी को 10 साल की कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने आदेश में लिखा कि:-
छह वर्षीय बच्ची के साथ जो आरोपी ने कृत्य किया वह सामान्य बलात्कार के अपराध का नहीं है ये अपितु वीभत्स प्रकृति का है। हमारे देश में एक ओर बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ का अभियान चल रहा है। कितने दुख का विषय है कि हम आज भी अपनी अबोध बालिकाओं को लैंगिक हमलों के अपराध से बचाने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहे हैं। समाज से यह कुरीति मिट नहीं पा रहीं। ऐसे अपराधियों से सख्ती नहीं की गई तो समाज में गलत संदेश जाता हैं। ऐसे अपराधों से पीड़ित बच्चों का संपूर्ण जीवन मानसिक यंत्रणा में व्यतीत होता है।
साभार सहित
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