Agra News: यमुना की तलहटी में बनी कॉलोनी डूब क्षेत्र में हो सकती हैं चिन्हित, जल आयोग ने दाखिल किया जवाब

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पिछले 100 वर्षों में आई बाढ़ से दिसंबर तक डूब क्षेत्र चिन्हित किया जाएगा।

आगरा में यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध खनन के साथ ही ताजमहल के पीछे रेत के टीले और कॉलोनियां बन गई हैं। आगरा के वरिष्ठ चिकित्सक पर्यावरण कार्यकर्ता डॉ. शरद गुप्ता ने एनजीटी में शिकायत की थी। इस मामले में एनजीटी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हरियाणा के असगरपुर से मथुरा आगरा होते हुए प्रयागराज तक यमुना के दोनों किनारों में डूब क्षेत्र का निर्धारण करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में आज सुनवाई होनी है।

जल आयोग ने दाखिल किया जवाब

इस मामले में केंद्रीय जल आयोग ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी में जवाब दाखिल किया है। इसमें कहा है कि यमुना के दोनों किनारों पर 5, 25 और 100 सालों में आई बाढ़ के आधार पर डूब क्षेत्र का निर्धारण करेगा। इसके लिए नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर से बाढ़ की सेटेलाइट तस्वीर भी प्राप्त की जाएगी।

आगरा में आ चुकी है बाढ़

आगरा में पिछले 15 सालों में यमुना में पानी का स्तर बढ़ने से कॉलोनियों में जलभराव हुआ था। वहीं, 1978 में बाढ़ आने पर पथवारी तक पानी पहुंच गया है, उससे पहले 1924 में बाढ़ आई थी और एत्माउददौला उद्यान में पानी पहुंच गया था।

साभार सहित