– टीबी मरीजों को दवा के साथ-साथ भावात्मक सहयोग जरूरी
– क्यूब हाईवे रूट्स फाउंडेशन ने 50 टीबी मरीजों को गोद लिया और दी पोषण पोटली
– टीबी मरीजों को नियमित दवा खाने के दिए टिप्स, परिवार के अन्य सदस्यों से भी टीबी के बचाव के बारे में दी जानकारी
आगरा: जनपद आगरा में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित हो रहे 100 दिवसीय सघन टीबी जागरूकता अभियान के तहत बुधवार को क्यूब हाईवे रूट्स फाउंडेशन के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिचपुरी की टीबी यूनिट पर 50 टीबी मरीजों को गोद लिया गया और गोद लिए गए सभी टीबी मरीजों को सीएचसी बिचपुरी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजवीर सिंह, क्यूब रूट्स फाउंडेशन के सहायक प्रबंधक आशीष चौधरी और डीपीपीएमसी कमल सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से पोषण पोटली का वितरण किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में टीबी के मरीजों को नियमित दवा का सेवन करने, मास्क लगाने के के बारे में जानकारी देते हुए लाभों के बारे में टिप्स दिए गए और परिवार के अन्य सदस्यों को टीबी से बचाव करने के बारे में जानकारी दी गई ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी जागरूकता अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद लिए जाने के उद्देश्य से सभी से अपील की गई थी। इसी क्रम में क्यूब हाईवे रूट्स फाउंडेशन के द्वारा अछनेरा टीबी यूनिट और बिचपुरी टीबी यूनिट के टीबी मरीजों को गोद लिया गया और उन्हें पोषण पोटली का वितरण भी किया गया। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान टीबी मरीजों को दवा के साथ-साथ पौष्टिक आहार और भावात्मक सहयोग देना जरूरी हैं । टीबी मरीजों को भावनात्मक सहयोग देने से उनकी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। फाउंडेशन की ओर से उपचार के दौरान तक टीबी के मरीजों को एक महीने का राशन दिया जाएगा
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि टीबी के इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ पोषण और भावात्मक सहयोग भी जरूरी है। इसलिए टीबी की दवा के साथ पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए और परिवार व समाज के लोगों को टीबी मरीजों का भावात्मक सहयोग करना चाहिए। उन्होंने मरीजों को बताया कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही दवा खायें। गर्म तासीर वाली चीजें,खट्टी एवं मिर्च मसाले वाली चीजें खाने से बचें। रोज सुबह हल्का हल्का व्यायाम करें, खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, दालें, सोयाबीन ज्यादा से ज्यादा लें। खाने के तुरन्त बाद लेटें नहीं बल्कि थोड़ा टहलें। ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में टीबी की दवा बंद नहीं करनी है।
फाउंडेशन के प्रतिनिधि आशीष चौधरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य टीबी मरीजों को हर संभव समर्थन प्रदान करना है। हमें उम्मीद है कि हमारी इस पहल से टीबी मरीजों की सेहत में सुधार होगा और वे जल्दी ठीक हो पाएंगे।
इस मौके पर टीबी यूनिट के सभी अधिकारी और कर्मचारियों सहित फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।