Agra News: दर्शकों की आंखों को नम कर गया ‘मांस का रुदन’ का मंचन, अभिनेता मनोज टाइगर का शानदार अभिनय

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आगरा। जैनी (हिरनी) और डोरा (श्वान) की मस्ती और धमाचौकड़ी से भरी प्रेम कथा अचानक रुदन में बदल गई। दोनों का दर्द एक दूसरे की आंखों में आंसू बनकर बहता तो कभी दोनों एक दूसरे के जख्मों को जीफ से सहलाते। मालिक द्वारा जैनी की हत्या भरी आंखों में डूबे दर्शकों के दिलों में कई सवाल छोड़ गई। जैनी के प्रेम में अपनी जान देने वाले श्वान के सवालों ने हर दिल को झकझोर कर रख दिया। जैनी के वियोग में मरने से पहले डोरा इंसानों से पूछता है- कुत्ते का मांस खाना कब शुरु कर करेंगे आप? क्योंकि आप खाने पीने के लिए ही पैदा हुआ हैं। सूरसदन प्रेक्षागृह में ताज महोत्सव के तहत आयोजित मांस का रुदन नाटक के मंचन ने अहिंसा का संदेश देते हुए सवाल किया क्या एक को जिन्दा रहने के लिए दूसरे का मरना जरूरी है।

उड़ीसा के लेखक कालिन्दीचरण की कहानी पर आधारित मांस का रुदन नाटक में भोजपुरी के जाने मानें अभिनेता मनोज सिंह टाइगर के लगभग एक घंटे के एकल अभिनय ने हर दर्शक को बांधे रखा। ‘मांस का रुदन’ न सिर्फ एक श्वान और हिरनी की प्रेम कथा है बल्कि उस मतलबी इंसान की भी प्रेम कथा है जो जैनी और डोरा को बच्चों की तरह पालता है। लेकिन अपना फायदा होने पर हाथों से सहलाने, खाना खिलाने वाली जैनी के मांस को मेहमान की प्लेट में सजाने में जरा भी संकोच नहीं करता। वहीं जैनी का प्रेमी डोरा उसके लिए अपनी जान दे देता है। अंत में हजारों दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट नाटक के संदेश अहिंसा का समर्थन करती नजर आयी।

ताज महोत्सव कमेटी की ओर से किया सम्मानित

मनोज टाइगर को ताज महोत्सव कमेटी की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। मनोज टाइगर ने आग्रह किया किया कि नाटकों को बढ़ावा दीजिए। अब तो रंगकर्मी टिकट भी नहीं लगाते। वहीं सेंट जॉन्स कालेज के प्राचार्य ने मनोज टाइगर की अभिनय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिलों में इतनी संवेदना भर गई कि ताली बजाने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी। इस अवसर पर मथुरा में हसीन दिलरुबा टीम के कलाकार भी मौजूद रहे।

नाटक के लेखक व निर्देशक मनोज सिंह टाइगर, समन्वयक अशोक चौबे, असिस्टेंट निदेशक भरत सिंह, लाइट पर संदीप, संगीत राहुल दीक्षित का था। संचालन रुचि चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम में आनंद झा, एडीएम प्रोटोकॉल अजय कुमार सिंह, यशवर्धन श्रीवास्तव एडीएम फाइनेन्स, डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग कौशल नीरज, डॉ. रंजना बंसल आदि उपस्थित थीं।