Agra News: श्रीकृष्ण लीला शताब्दी महोत्सव का शुभारंभ, भगवान गणेश की शोभायात्रा करेगी नगर भ्रमण

Press Release

19 नवंबर को श्रीकृष्ण लीला महोत्सव के मंचीय आयोजन का राष्ट्रीय संत करेंगे शुभारंभ

बल्केश्वर स्थित गौशाला प्रांगण में 28 नवंबर तक होगा भव्य आयोजन, मथुरा और गोकुल का दिया जा रहा रूप

सन् 1924 में आरंभ हुआ था महाआयोजन, 100 वर्ष से अनवरत चली आ रही है परंपरा

आगरा। अजन्मे का जन्म, जन्म से पूर्व न जाने कितने ही बंधन, जन्म के बाद कंस मामा के आतंक का समापन, मथुरा के रण से लेकर द्वारिका तक का गमन और फिर रुक्मणी के साथ मंगल परिणय। इन सभी के मध्य जगत हिताय हेतु आवश्यक लीलाएं…आदिपुरुष भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि ब्रज में एक बार फिर द्वापर का युग जीवंत हो उठेगा। 17 नवंबर, दिन शुक्रवार से बल्केश्वर स्थित गौशाला का मैदान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी फिर से होगा।

श्रीकृष्ण लीला महोत्सव समिति द्वारा 17 नवंबर से 28 नवंबर तक श्रीकृष्ण लीला शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को लीला स्थल पर समिति के पदाधिकारियों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया। अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि 17 नवंबर को सायं 4 बजे बल्केश्वर गौशाला से प्रथम पूज्य देव गणेश जी की सवारी निकाली जाएगी। सवारी बेलनगंज, रावतपाड़ा, जाैहरी बाजार आदि नगर का भ्रमण करेगी। मुख्य अतिथि विधायक पुरुषाेत्तम खंडेलवाल, डॉ गिरधर शर्मा होंगे। 18 नवंबर को इसी रूट पर कंस की दुहाई निकलेगी। गौशाला प्रांगण में बने लीला स्थल पर एक ओर कंस दरबार और कंस कारागार हैं। मंच के एक ओर मथुरा और दूसरी ओर गोकुल का रूप दिया गया। लीला स्थल पर ही विभिन्न प्रकार के रथ तैयार किये जा रहे हैं। जिनमें मुख्य आकर्षण मयूर रथ रहेगा जिसपर श्रीकृष्ण की शाेभायात्रा निकलेगी। गौशाला में लीला का मंचन वृंदावन के श्रीराम शर्मा (निमाई) के निर्देशन में किया जाएगा। जिनके कलाकार भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर कंस वध की लीला तक मंचन करेंगे।

बैठक में महामंत्री विजय रोहतगी, प्रभात रोहतगी, पार्षद मुराली लाल गोयल, राकेश शीरेवाले, डॉ एसपी सिंह, महेश अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल राधे राधे, अशोक गोयल, गिर्राज बंसल, शेखर गोयल, ब्रजेश अग्रवाल, मुकेश मित्तल, अनूप गोयल, कृष्ण कन्हैया अग्रवाल, केसी अग्रवाल, संजय गर्ग, संजय गोयल, मनोज बंसल, मनीष शर्मा, पंकज शर्मा आदि उपस्थित रहे।

समाज सेवा को समर्पित है संस्था

1924 में श्रीकृष्ण महोत्सव समिति की स्थापना की गयी थी, इसके बाद से अनवरत रूप से लीला मंचन किया जा रहा है। सहयोगी संस्था श्रीकृष्ण लीला महिला उत्थान समिति के अन्तर्गत कन्या− महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, कम्प्यूटर की शिक्षा प्रदान की जाती है।

11 दिन की लीलाओं का मंचन

17 नवंबर− श्रीमुकुट पूजन एवं गणेश जी सवारी।
18 नवंबर− कंस की दुहाई
19 नवंबर− देवकी वसुदेव विवाह एवं श्रीकृष्ण जन्मलीला
20 नवंबर− गोपाष्टमी, नंदोत्सव, दीपक नृत्य और पूतना वध
21 नवंबर− डांडिया नृत्य और कालीदह लीला
22 नवंबर− गौमय श्रंगार एवं गोवर्धन पूजा− अन्नकूट प्रसाद
23 नवंबर− शंकरलीला− माखन चोरी, फूलों की होली
24 नवंबर− श्रीकृष्ण लीला− सुदामा मिलन लीला
25 नवंबर− अक्रूर गमन− कंस वध एवं आतिशबाजी।
26 नवंबर−श्रीकृष्ण बलराम की दिव्य शाेभायात्रा।
27 नवंबर− द्वारिकापुरी रुक्मणि मंगल विवाह लीला
28 नवंबर− हवन लीला।

चार दिन निकलेंगी शाेभायात्रा

श्रीकृष्ण लीला महोत्सव में 17 नवंबर को सायं 4 बजे से श्री मुकुट पूजन एवं गणेश जी की सवारी नगर भ्रमण करेगी।
18 नवंबर को सायं 4 बजे से कंस की दुहाई की सवारी निकलेगी।
20 नवंबर को गोपाष्टमी विशेष शाेभायात्रा प्रातः 9:30 बजे
26 नवंबर को श्रीकृष्ण बलराम की दिव्य शाेभायात्रा सायं 6:30 बजे से निकाली जाएगी।