Agra News: तेल कंपनी सलोनी ग्रुप पर एसजीएसटी का सर्वे खत्म, जमा कराए 2.15 करोड़, अनेक संदिग्ध अभिलेख सीज

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आगरा: देशभर में प्रसिद्ध जिले की सलोनी ब्रांड वाली तेल कंपनी महेश एडिबल ऑयल इंडस्ट्रीज और इसकी अन्य फर्मों पर एसजीएसटी का सर्वे खत्म हो गया है। करीब बीस घंटे चली जांच में 2.15 करोड़ रुपये जमा कराए गए। अनेक संदिग्ध अभिलेखों को सीज किया गया है, जिनकी विस्तृत जांच की जायेगी।

सरसों का तेल बनाने वाली इस कंपनी के जिले में शमसाबाद और दिगनेर में प्लांट है। गुरुवार दोपहर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सलोनी ग्रुप के 42 ठिकानों पर राज्य जीएसटी की टीम ने सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी। शमसाबाद और दिगनेर में बसों और गाड़ियों में अधिकारी और कर्मचारी पहुंचे।

जिले के 14 व्यापार स्थलों और प्रदेश के अन्य जोन के अन्य 28 व्यापार स्थलों पर सर्च की कार्रवाई की गई। जांच में पूरे प्रदेश के सभी स्थानों को मिलाकर 200 से अधिक अधिकारी शामिल रहे। बीस घंटे तक जांच चली। जांच के दौरान फर्जी फर्मों से खरीद, इनएलिजिबल आईटीसी, ई-वे बिल का दुरुपयोग और स्टॉक में अंतर आदि पाए गए।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान ही 2.15 करोड़ रुपये जमा कराए गए। बड़ी मात्रा में संदिग्ध अभिलेख सीज किए गए, जिनके आधार पर आगे की जांच में बड़ी कर चोरी प्रकाश में आने की सम्भावना है।

जाँच की कमान सर्वजीत एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू एसआई बी और प्रमोद दुबे जेसी, भास्करेंदु शुक्ला के हाथ में रही। इसमें आगरा जोन के दो अन्य संयुक्त आयुक्त, 25 उप आयुक्त, 40 सहायक आयुक्त 50 राज्य कर अधिकारियों और राज्य के अन्य जोन के लगभग 100 अधिकारी शामिल रहे।

अधिकारियों के मुताबिक महेश एडिबल ऑयल और इसकी सहयोगी फर्मों ने सरसों की खरीद को बोगस फर्म से दिखाया है। जो लोग सरसों की बिक्री का काम ही नहीं करते, उनसे सरसों की खरीद दिखाई गई है। बृहस्पतिवार की रात 11 बजे सलोनी तेल का गोदाम सर्च में सहयोग न करने पर अधिकारियों ने सील कर दिया।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबी रहे स्वर्गीय शिवकुमार राठौर और उनके भाइयों की फर्म महेश एडिबल ऑयल कंपनी पर चार साल पहले सात फरवरी, 2019 को आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन विंग ने छापा मारा था। तब कंपनी ने 12 करोड़ रुपये की आय सरेंडर की और 200 करोड़ से ज्यादा बेनामी संपत्ति का पता चला था। एंडेवर कार से पांच करोड़ की नकदी भी जब्त की गई थी।