Agra News: जाने माने ब्रिटिश लेखक श्याम जिंद्रिक बटुकलाल मेहता की एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में इलाज के दौरान हुई मौत

Regional

लखनऊ से ऋषिकेश की यात्रा के दौरान कई हफ्तों तक लापता रहने के बाद फरवरी में बदहवास अवस्था में आगरा में पाए गए एक जाने-माने ब्रिटिश लेखक और योग प्रशिक्षक की सोमवार देर रात आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गयी।

इंग्लॅण्ड के करोड़पति रिटायर्ड बैंकर,ब्रिटिश लेखक योग प्रशिक्षक और पचास से अधिक पुस्तकों के लेखक श्याम जिंद्रिक बटुकलाल मेहता 7 दिसंबर, 1952 को एनफ़ील्ड, मिडलसेक्स, इंग्लैंड में जन्मे थे। मेहता ने 12 साल पहले द लविंग हार्ट सेंटर की स्थापना की, जो दुनिया भर में प्यार और खुशी को बढ़ावा देने वाली एक चैरिटी है। इससे पहले, उनका निवेश बैंकर, निवेश विश्लेषक और बीमा और पेंशन उद्योगों के सलाहकार के रूप में अत्यधिक सफल करियर था। उन्होंने यूरोप और सुदूर पूर्व में बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के अपने वित्त और जोखिमों का मूल्यांकन करने के तरीके को बदल कर रख दिया।

ब्रिटिश लेखक के मेरिल लंच और कई अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों में बतौर डायरेक्टर काम कर चुके एवं प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से परास्नातक गणितज्ञ श्याम मेहता कुछ समय से गहन अवसाद और अन्य मानसिक बीमारियों से पीड़ित थे और विगत 25 फरवरी 2023 को आगरा के बिचपुरी क्षेत्र के एक गांव के स्कूल में फटे कपड़ों में खाना मांगते हुए घूमते पाए जाने के बाद से आगरा मानसिक आरोग्यशाला में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और उन्हें गहन उपचार के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।

एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन और आगरा मानसिक आरोग्यशाला प्रबंधन, दोनों ने ही ब्रिटिश नागरिक की मौत के कारण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और दावा किया है कि उचित प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका खुलासा किया जाएगा।

मेहता जून 2022 से मई 2023 तक वीज़ा के साथ भारत आए थे और पूरे भारत में यात्रा कर रहे थे, जब वह यूपी के बिजनोर के बाहर एक रेस्तरां से बिना किसी सुराग के गायब हो गए थे। उनके ड्राइवर ने उनके लापता होने की सूचना दी थी और तब से पुलिस मेहता की तलाश कर रही थी। कई दिन बाद वे आगरा के बिचपुरी क्षेत्र के अंगूठी गाँव की प्राथमिक पाठ्यशाला में अस्त-व्यस्त अवस्था में अंग्रेजी में खाना मांगते हुए पाए गए थे।

ब्रिटिश लेखक मेहता ने उस समय पुलिस को बताया था कि ब्रिटेन में पैदा होने के कारण उन्हें हिंदी नहीं आती थी और वह बिजनौर में रेस्तराँ से बाहर आने के बाद रास्ता भटक गये थे, जिसके बाद वह बिजनौर से आगरा तक पैदल चले। उन्होंने यह भी दावा किया कि रास्ते में कई लोगों ने उनके साथ मारपीट की और उन्हें परेशान किया। उसके पास पैसे नहीं थे और काफी समय तक खाना भी नहीं मिला। वह कभी-कभी होटलों के बाहर और रेलवे स्टेशनों के बाहर भी सोते थे। उन्होंने कहा था कि उनकी पूर्व पत्नी इंदिरा यूनाइटेड किंगडम में रहती है, लेकिन जब उनसे संपर्क किया गया, तो वह उन्हें यूके वापस भेजे जाने पर उनकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं थीं।

आगरा पुलिस ने मेहता को वापस यूके भेजने के लिए ब्रिटिश उच्चायोग के साथ समन्वय बनाने की भी कोशिश की थी, लेकिन उनके इलाज को लेकर बनी कुछ असहमतियों के कारण वह अपने देश नहीं लौट सके और तब से आगरा मानसिक आरोग्यशाला में रहकर अपनी मानसिक बीमारी का इलाज करा रहे थे।

करीब एक वर्ष पहले, मेहता ने सोशल मीडिया पर गाज़ियाबाद की एक कंपनी के खिलाफ लगभग ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जब वह अपनी मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे, तब गाजियाबाद स्थित उक्त आईटी कंपनी ने फर्जी जमीन सौदे और अन्य मदों में उनसे दो लाख डॉलर (लगभग ढाई करोड़ रुपये) हड़प लिए थे। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी भारत यात्रा उस कंपनी को खोए हुए पैसे की वसूली के प्रयासों से जुड़ी थी, हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि वह अपने प्रयासों में सफल हुए या नहीं।

सहायक पुलिस आयुक्त (अभिसूचना) सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि श्याम मेहता का वीजा मई में समाप्त हो गया था, लेकिन कुछ लंबित मेडिकल परीक्षणों के कारण वह यूके नहीं लौट सके। उन्होंने कहा कि यूके दूतावास को मेहता की मौत के बारे में सूचित कर दिया गया है और उनके शरीर को एसएन मेडिकल कॉलेज में तब तक संरक्षित रखा गया है जब तक कि किसी रिश्तेदार द्वारा दावा नहीं किया जाता है। यदि कोई रिश्तेदार शव का दावा नहीं करता है तो 72 घंटे के इंतजार के बाद आगरा में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Compiled; up18 News