Agra News: ताज महोत्सव के अंतिम दिन प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर ने सूफी और रूहानी गीतों से समा बांधा, जमकर झूमे लोग

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आगरा: ताज महोत्सव के अंतिम दिन मशहूर प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर ने अपने सूफी और रूहानी गीतों से समा बांधा। हरदीप कौर जैसे ही ताज महोत्सव के मंच पर पहुंची उनके फैंस और वहां मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाकर उनका जमकर अभिवादन किया। हर्षदीप कौर ने बॉलीवुड फिल्मों के गाने से शुरुआत की तो पूरा ताज महोत्सव तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा। लोग उनके गीतों पर जमकर झूमे। महोत्सव के अंतिम दिन प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।

बुधवार को ताज महोत्सव का सांकेतिक अंतिम दिन था और अंतिम दिन प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर की प्रस्तुति थी। हर्षदीप कौर को सुनने के लिए भारी संख्या में उनके फैंस मौजूद थे। रात 9:00 बजे से शुरू होने वाली उनकी प्रस्तुति 10:30 शुरू हो सकी। पहले हर्षदीप ने बॉलीवुड फिल्मों के गाने, जो तेरी खातिर तड़पे पहले से ही क्या उसे तड़पाना… जालिमा गाकर युवाओं में जोश भर दिया और फिर गुलजार का लिखा गीत- उंगली पकड़कर तूने चलना सिखाया था ना, दहलीज ऊंची है पार करा देना… गया। इसके बाद केसरिया तेरा इश्क है पिया… और फिर देर रात सूफी अंदाज में आज दिन चढ़ेया… फिर कबीरा फिल्म का ओ कैसी तेरी खुदगर्जी गया.. तो श्रोता झूम उठे।

इसके बाद उन्होंने रेशमा का मशहूर गीत टूटे जमाने तेरे हाथ निगोड़े जिनसे दिलों के तूने शीशे तोड़े… लंबी जुदाई गाया तो शिल्पग्राम की रात मदहोश हो उठी। बॉलीवुड गीतों से सजी इस शाम का संचालन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गजल गायक सुधीर नारायण ने किया। रात 12 बजे तक प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी रहा। ताज महोत्सव के अंतिम दिन शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुईं। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। सूफी गीतों पर लोग थिरकते नजर आए। बीती रात बॉलीवुड व सूफी गीतों से सजी रही। कार्यक्रम समाप्त होने तक श्रोता हिले नहीं। वह गीतों पर झूमते रहे।

पत्रकारों से रूबरू हुई प्लेबैक सिंगर हर्षदीप कौर ने कहा कि ताज महोत्सव में आकर उन्हें काफी अच्छा लगा है। यहां की ऑडियंस काफी अच्छी है। वह अगले साल से फिर से ताज महोत्सव में आना चाहेंगी।