Agra News: नहीं लगाने होंगे एडीए के चक्कर, सभी सुविधाएं और समस्याओं के निदान के लिए ईआरपी सॉफ्टवेयर का मंडलायुक्त ने किया शुभारंभ

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आवंटियों, किरायेदारों एवं प्लॉट के ले आउट के डिजिटलीकरण प्रबंधन में मिलेगी सहायता
पारदर्शिता की तरफ, एडीए ने की बड़ी पहल, आगरा विकास प्राधिकरण के प्रबन्धन में नए युग का आरम्भ

आगरा. मंडलायुक्त आगरा रितु माहेश्वरी द्वारा एडीए द्वारा विकसित ईआरपी सॉफ्टवेयर का आगरा विकास प्राधिकरण सभा कक्ष में शुभारंभ किया। ईआरपी सॉफ्टवेयर के द्वारा एडीए की सम्पत्तियों का रिकार्ड पूर्ण तथा ऑनलाइन हो जायेगा, जिससे आवंटियों को अपना हिसाब देखने कोई किस्त या बकाया जमा करने हेतु एडीए कार्यालय नहीं आना पड़ेगा। लीगल केस मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा विभिन्न न्यायालयों के प्रकरण में सम्पत्ति की अद्यतन जानकारी प्रदान की जा सकेगी। आवंटियों को अपनी सम्पत्ति से सम्बन्धित ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी, वसूली हेतु बकायेदारों की सम्पूर्ण सूची, सम्बन्धित रजिस्ट्री के पेपर, आवंटन पत्र तथा रिक्त सम्पत्तियों की प्रमाणित सूची आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। सॉफ्टवेयर द्वारा विवादित, अवैध कब्जे, अनावंटित सम्पत्ति की जानकारी तथा अनउपलब्ध प्राकृतिक स्ट्रक्चर आदि से सम्बन्धित समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा।

इस सॉफ्टवेयर में ईआरपी (ERP) सॉफ्टवेयर में इंटीग्रेटेड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS), रेंटेड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (RMS), इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल एकाउंटिंग मैनेजमेंट सिस्टम (IFAMS), इनकम चालान मैनेजमेंट सिस्टम (ICMS), लीगल केस मैनेजमेंट सिस्टम व ई-ऑक्शन को शामिल किया गया है। ईआरपी सॉफ्टवेयर को जिसमें आवंटी घर बैठे ही अपने मोबाईल लैपटॉप तथा कम्प्यूटर सिस्टम पर अपनी बकाया व किस्त जमा कर सकेंगे, एडीए की सभी रिक्त सम्पत्तियों की जानकारी व ई-आक्शन के माध्यम से सम्पत्ति क्रय कर सकते हैं। उक्त सॉफ्टवेयर के माध्यम से एडीए की योजनाओं के अन्तर्गत सम्पत्ति का विवरण व आवंटन पत्र, रजिस्ट्री प्रपत्र विभाग को एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।

सॉफ्टवेयर में एडीए के बकायेदारों की सूची को भी देखा जा सकेगा। सॉफ्टवेयर के विकास की द्वितीय चरण में प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के डिजिटलीकरण का कार्य भी प्रारम्भ हो चुका है तथा प्राधिकरण अब योजनाओं के लेआउट का विश्लेषण और रिपोर्ट तैयार करने के लिए भू-स्थानिक समाधान के रूप में जीआईएस (जीआईएस) का उपयोग करेगा तथा बहुत उच्च रिजॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी (सेटेलाइट इमेजरी) की खरीद, जीसीपी का संग्रह, उपग्रह डेटा का प्रसंस्करण, प्लॉट का डिजिटलीकरण, प्लॉट डेटा के विजुअलाइजेशन और विश्लेषण के लिए वेब जीआईएस आधारित एप्लिकेशन का विकास शामिल है।

प्रथम चरण में 19340 संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया गया है। मंडलायुक्त ने सॉफ्टवेयर शुभारंभ के बाद पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि एडीए की तरफ से ये एक बड़ा कदम है। इंटीग्रेटेड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम के शुभारंभ से अब अपनी किश्त व बकाया जमा करने, या अन्य सेवाओं हेतु एडीए के ऑफिस आकर पता करना पड़ता था। अब इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरा लेजर ऑनलाइन किया गया है, अब सभी ट्रांजेक्शन ऑनलाइन हैं, इससे एडीए की फाइनेंस मैनेजमेंट,रिकॉर्ड को अपडेट करने में मदद मिलेगी, उन्होंने बताया कि इसे मोबाइल एप में भी इंटीग्रेटेड किया जाएगा, प्रॉपर्टी के फिजिकल मैपिंग,स्टेटस एक मैप के माध्यम से मिलेगा, इसे गूगल इमेजरी से भी जोड़ा जाएगा जिससे एडीए की छिपी प्रॉपर्टी निकल के आयेगी, रिकवरी भी ठीक प्रकार से सुनिश्चित होगी। पारदर्शिता की तरफ, एडीए की ये बड़ी पहल है।