आगरा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आगरा किले के मुसम्मन बुर्ज का संरक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसी बुर्ज से जिंदगी के अंतिम पलों में शहंशाह शाहजहां अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाए गए ताजमहल को निहारा करता था। स्मारक में खाई की तरफ भूतल पर स्थित कोठरियों (इनर सेल्स) की मरम्मत की जाएगी। इसके साथ ही प्लिंथ प्रोटेक्शन का काम भी किया जाएगा। इस पर करीब 46.98 लाख रुपये व्यय होंगे।
इतिहासकारों के अनुसार, शहंशाह शाहजहां को औरंगजेब ने आगरा किले में वर्ष 1658 से 1666 तक बंदी बनाकर रखा था। बंदी काल में शाहजहां मुसम्मन बुर्ज से ताजमहल देखा करता था। सफेद संगमरमर से बना यह स्मारक आगरा किले में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मुसम्मन बुर्ज जितना ऊपर नजर आता है, उससे कहीं अधिक यह नीचे की तरफ बना हुआ है। एएसआई द्वारा किले की खाई की तरफ स्थित मुसम्मन बुर्ज में भूतल स्थित कोठरियों का संरक्षण किया जाएगा। पर्यटकों के लिए स्मारक का यह भाग बंद है।
किले के वाटर गेट पर बने घाट की तरफ इस कोठरी से होकर रास्ता जाता है। यहां दासा (बार्डर) के पत्थर, तोड़े व छत के खराब पत्थरों को बदला जाएगा। स्मारक व खाई की दीवार के बीच स्थित जगह को साफ कर यहां प्लिंथ प्रोटेक्शन का काम किया जाएगा। यहां दीवारों पर उगे पौधों व झाड़ियों को भी हटाया जाएगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि मुसम्मन बुर्ज की खाई की तरफ स्थित दीवार के साथ ही प्लिंथ प्रोटेक्शन का काम किया जाना है। यहां इनर सेल्स का संरक्षण भी होगा। एएसआई ने पिछले वर्ष मुसम्मन बुर्ज की छत का संरक्षण कराया था।
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