आगरा: भूमिगत मेट्रो संघर्ष समिति की ओर से शुक्रवार को शहीद स्मारक पर रात आठ बजे से लोग एकत्रित होना शुरू हुए और उसके बाद बड़ी संख्या में मशाल जुलूस और कैंडिल मार्च करते हुए भूमिगत मेट्रो की मांग करते हुए दीवानी तिराहे पर पहुंचे।
समाजसेवी सुनील विकल ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री से भूमिगत मेट्रो के मुद्दे पर समिति का प्रतिनिधिमंडल शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ एक बार फिर मिलने के लिए जायेगा। सब जगह मेट्रो 70 प्रतिशत भूमिगत ही है।
सुनील अग्रवाल ने कहा कि ये कैंडिल मार्च या मशाल जुलूस सरकार की मेट्रो की सौगात का विरोध करना नहीं बल्कि एमजी रोड पर भूमिगत मेट्रो की मांग के लिए शहरवासियों की एकजुटता का परिचय है। विकास सारस्वत ने कहा कि मशाल जुलुस निकालने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश सरकार अलख जगाना है। दिनेश पचौरी ने कहा कि शहर की लाइफ लाइन को बचाने को शहरवासी सड़क पर भूमिगत मेट्रो की मांग के लिए बढ़चढ़ कर हिस्सादारी कर रहा है। संजय गोयल ने कहा कि पर्यावरण कि दृष्टि से देखें तो टीटीजेड क्षेत्र होने के बाद भी पांच हजार पेड़ों को काटा जायेगा, जिससे शहर की आबोहवा और बद्द्तर हो जाएगी।
शिशिर भगत ने कहा कि शासन से गई रिपोर्ट में एमजी रोड को सौ फीट का बताया गया है जबकि कुछ हिस्से को छोड़ दे तो वास्तविक रूप में 70 प्रतिशत रोड बहुत छोटा है। ऐसे में एलिवेटेड मेट्रो से आये दिन यातायात की समस्या विकराल रूप लेती जाएगी।
इस अवसर पर विपुल बंसल अनूप सुराना, राजकुमार मंगरानी, राजेश हेमदेव, मुकेश मित्तल, रूपल गोयल, अनुराग बंसल, राजीव राठौर, दीपक शर्मा, अखिल मोहन मित्तल, आनंद प्रकाश, भारत गोलानी, मनोज अग्रवाल, सरजू बंसल, आशीष अग्रवाल, स्पर्श बंसल आदि मौजूद रहे।