Agra News: जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, परिवार वाले रो रहे थे, तभी जागी चेतना और भाजपा नेता महेश बघेल ने खोलीं आंखें

स्थानीय समाचार

पुष्पांजलि हॉस्पिटल के चिकित्सक के कहने पर घर ले आए थे

रोने-पीटने के दौरान हाथ हिलाया तो परिजन अस्पताल ले गए

आगरा: जाको राखे साइयां मार सके न कोय.. यह कहावत भारतीय जनता पार्टी के दो बार जिलाध्यक्ष रहे महेश बघेल एडवोकेट पर सटीक बैठी है। वे काफी समय से बीमार हैं। पुष्पांजलि हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टर ने जवाब दे दिया और कहा कि कुछ ही सांसें बची हैं। घर ले जाओ। इसके बाद महेश बघेल को सराय ख्वाजा, खेरिया मोड़ स्थित आवास पर लाया गया। वे मूल रूप से खेरागढ़ के नगला चीत के रहने वाले हैं।

क्या है मामला

भाजपा नेता को उपचार के दौरान डॉक्टर ने लगभग मृत घोषित कर दिया था। दो-चार मिनट का मेहमान बताकर घर ले जाने की सलाह दी। इसके बाद परिवार के लोग उन्हें घर ले गए। वहां जब परिवार के लोग रो रहे थे, तभी उन्होंने हाथ हिलाया। इसके पश्चात परिवारीजन सुरेंद्र सिंह बघेल, लाखन सिंह बघेल, राजेंद्र सिंह और महेंद्र बघेल, पुत्र अंकित बघेल, ओमप्रकाश बघेल आदि उन्हें न्यू आगरा स्थित डा. रामवेद के अस्पताल में ले गये। वहां बिना बेंटीलेटर के भी बीपी सही आ गया। उन्होंने आंखें भी खोल लीं। फिलहाल चिकित्सक द्वारा उनके चेस्ट में इनफेक्शन बताया है। जिसकी जांच करायी जा रही है। इसके पश्चात उनका विधिवत इलाज भी होगा। फिलहाल यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।

वरिष्ठ पत्रकार लाखन सिंह बघेल ने बताया कि मेरे बड़े भाई महेश बघेल पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा को पुष्पांजलि वालों ने मृत घोषित नहीं किया था। यह कहते हुए घर ले जाने की सलाह दी थी कि कुछ ही क्षण की सांसे हैं, घर पर जाकर सेवा करिए। दोपहर 2:30 बजे महेश बघेल को घर लाए। घर वाले रोने पीटने लगे। इसी बीच उन्होंने हाथ हिलाया तो लगा कि सांसें हैं अभी। उन्हें तुरंत रामवेद हॉस्पिटल, न्यू आगरा में भर्ती करा दिया। फिलहाल उनका बीपी भी 114 वाई 70 है। आंखें खुली हुई हैं। ईश्वर ने चाहा तो सब ठीक हो जाएगा।

घर पहुंचने पर चलने लगी सांसें

परिवार के लोगों ने बताया कि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष महेश बघेल पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें लगभग मृत घोषित कर दिया। परिजन उन्हें सराय ख्वाजा स्थित आवास पर ले गए। उनके पुत्र अभिषेक और अंकित ने बताया कि घर पहुंचने पर उनको चेतना आई और आंखे भी खोंली। ये देख परिवार के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। तत्काल दोबारा से न्यू आगरा स्थित दूसरे निजी हॉस्पिटल में ले गए, जहां उन्हें भर्ती कराया गया है। अभी परिजन वहीं डटे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले वॉट्सअप पर खबर फैल गई कि महेश बघेल को निधन हो गया है। पत्रकारों के ग्रुप में उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित कर दी गई। ईश्वर को कुछ और ही मंजूर है। लगता है कि भगवान अभी उनसे कुछ और काम कराना चाहता है।