Agra News: इप्टा ने धूमधाम से मनाया अपना 83वां स्थापना दिवस, रंगारंग कार्यक्रमों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

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आगरा। भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), आगरा इकाई ने अपने 83वें स्थापना दिवस को जनसंस्कृति दिवस के रूप में रंगारंग कार्यक्रमों के साथ उत्साहपूर्वक मनाया। आयोजन स्थल जन संस्कृति केंद्र, मदिया कटरा पर सांस्कृतिक गतिविधियों और विचार विमर्श की विविध प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

समारोह की शुरुआत नाट्य पितामह और इप्टा के संस्थापक राजेंद्र रघुवंशी के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। मुख्य अतिथियों में दुर्गविजय सिंह दीप, हरीश चिमटी, इप्टा अध्यक्ष सुबोध गोयल और डॉ. ज्योत्स्ना रघुवंशी उपस्थित रहे।

इप्टा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव दिलीप रघुवंशी ने जनसंस्कृति दिवस के महत्व को रेखांकित किया और समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत की।

दुर्गविजय सिंह दीप और हरीश चिमटी ने राजेंद्र रघुवंशी के योगदानों और आज के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में कलाकारों की भूमिका पर चर्चा की।

शैलेन्द्र का कालजयी गीत “तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत पर यक़ीन कर…” प्रस्तुत कर आगाज किया गया।

भगवान स्वरूप योगेंद्र ने आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया।

परमानंद शर्मा और सूर्यदेव की गायन प्रस्तुति—”माया ठगनी…” और “छाप तिलक…” श्रोताओं को भावविभोर कर गई।

शकील चौहान ने “कहां गया तू मेरा लाल” की मार्मिक प्रस्तुति दी। असलम खान और मुक्ति किंकर ने काका हाथरसी की हास्य रचना पर अभिनय कर खूब हंसाया। जय कुमार की एकल नाट्य प्रस्तुति “अखिल भारतीय चोर सम्मेलन” ने सामाजिक व्यंग्य के साथ मनोरंजन किया। समापन गोपालदास नीरज के गीत “इसीलिए तो नगर नगर बदनाम हो गए मेरे आंसू…” के समूह गान से हुआ।

कार्यक्रम में शहर की साहित्यिक-सांस्कृतिक हस्तियों ने सहभागिता की। कुमकुम रघुवंशी, डॉ. राजीव शर्मा, भारत सिंह सिकरवार, सुनील अग्रवाल, मजाज़ कुरैशी, अंजू अग्रवाल, प्रियंका मिश्रा, महेंद्र सिंह समेत कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दिलीप रघुवंशी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मुक्ति किंकर द्वारा प्रस्तुत किया गया।