Agra News: पति-पत्नी में सुलह कराने के बदले सिपाही ने मांगी पार्टी, बोला- तीन किलो बकरा और शराब भेज दो, डीसीपी नगर ने किया सस्पेंड

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रामकुमार सिपाही ने थाना प्रभारी को बना दिया था मूर्ति, खुद करता था सभी कार्य

आगरा:-उत्तर प्रदेश सरकार भले ही पुलिस को सुधारने के लाख वादे करती हो लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस सुधरने का नाम नही लेती है। आगरा के एक सिपाही ने पति-पत्नी के विवाद में राजीनामा कराने के बदले मीट और शराब मांगी। इसका आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद डीसीपी ने सिपाही को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक आगरा के ट्रांस यमुना थाने में तैनात सिपाही का एक व्यक्ति से बातचीत का आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में जो व्यक्ति फोन कर रहा है, वह रामकुमार नाम का सिपाही बताया जा रहा है। सिपाही कह रहा है कि जिस दिन से तुम अपनी बीवी ले गए है, उस दिन से फोन नहीं लगाया है। सामने से आवाज आती है हां भइया, आदेश करो।

सिपाही कहता है कि तुमने कहा था कि बीवी ले जाएंगे तो पार्टी होगी। सामने वाला व्यक्ति कहता है कि संडे है आज। दो-तीन किलो बकरा बनवा दो और एक बोतल ले आओ। दूसरा व्यक्ति कहता है कि आज छोड़ दो, आज मैं बाहर हूं। सिपाही पूछता है कहां हो, तो वो कहता है कि एटा हूं।

इस पर सिपाही कहता है तो किसी लड़के से कह दो। उस दिन जो तुम्हारे साथ आया था, उससे कह दो। इस पर दूसरे व्यक्ति कहता है कि मैं दूर हूं। सिपाही कहता है तो ठीक है, शाम को आ जाओ। शाम को आ जाना ध्यान से। इस पर वो व्यक्ति कहता है कि शाम को आ गया तो ठीक नहीं तो फिर कभी कर दूंगा। इस पर सिपाही कल करने को कहता है। इसके बाद सिपाही अन्य लोगों से कहता है कि इसने यह पार्टी नहीं दी इसे भारी पड़ेगा कभी थाना नहीं आ पाएगा और जब ये थाना आएगा तो इसका कोई काम नहीं होगा क्योंकि थाना तो मैं ही चलाता हूँ और फिर अगर मैंने इसकी पत्नी को बुलाया तो फिर भी भिजबा सकता हूँ और इसकी पत्नी से कुकर्म की तहरीर लेकर जेल भी भेज सकता हूँ ।

डीसीपी ने किया निलंबित

आडियो वायरल होने के बाद डीसीपी नगर विकास कुमार ने सिपाही रामकुमार को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं।

जुआ/सट्टे अधिनियम में जेल गए युवक से की सौदेबाजी

अभी कुछ दिनों पहले थाना ट्रांस यमुना पुलिस ने तीन युवकों को गुलाब नगर क्षेत्र से उठाया और पुलि द्वारा जानकारी मिली कि ये लोग सट्टा ले रहे थे इसके बाद पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर तीनों युवकों को न्यायालय के समक्ष पेश किया तो तीनों युवक जमानत कराकर आए शाम के समय सिपाही रामकुमार ने एक युवक को फाउंड्री नगर डिपो के सामने बुलाया और उस युवक से सौदेबाजी करने लगा युवक ने बताया कि रामकुमार बोल रहा था कि सट्टे का काम करना है तो मुझे महीनेदारी 10 हजार रुपए देने पड़ेंगे अगर रुपए नहीं दोगे तो आपको भारी पड़ेगा तो युवक ने कहा कि मैं कोई ऐसा काम नहीं करूंगा तो सिपाही रामकुमार कहता है कि अगर काम नहीं करेगा तो फिर तुझे जेल भेज दूंगा खुलकर काम कर और मुझे महीनेदारी रुपए दे युवक बोला कि इतने रुपए नहीं दे पाऊंगा तो फिर सिपाही बोला कि 3 हजार रुपए महीने दे देना जब सौदेबाजी की जा रही थी तो यह भी मामला कैमरे में कैद हो गया और युवक से पूछा गया तो युवक ने यह सारी बात खुलकर बता डाली ।

इस सिपाही रामकुमार के कारण नहीं मिला कई गरीबों को न्याय

एसएसपी प्रभाकर चौधरी के जाते ही थाना और चौकियों में जमकर कारगुजारी शुरू हो गई है ,मौजूदा पुलिस कमिश्नर का इन पुलिसकर्मियों को कोई डर भय नहीं है यह दिनभर एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगे रहते हैं इस कारण सही लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है थाना ट्रांस यमुना शुरू से ही चर्चाओं में रहा है इस थाना में तैनात सिपाही के कारण काफी गरीबों को न्याय नहीं मिल पाया है यह सिपाही रामकुमार हर एक मामले में सौदेबाजी करता था और रुपए लेकर मामले को एक पक्ष कर देता था जो रुपए देगा उसी का काम होगा चाहे सामने बाला सही हो और रुपए देने बाला गलत इस प्रकार इसका यह कार्य काफी समय से चल रहा था आज डीसीपी नगर के द्वारा निलम्बित किए गए सिपाही के कारण काफी पीड़ितों के चेहरे पर मुस्कान आई है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस रामकुमार सिपाही के द्वारा एक गरीब के विरुद्ध झूठा मुकदमा लिख दिया गया है यह मामला भी उच्चाधिकारियों तक पहुंच सकता है ।

ऑफिस से बाहर नहीं निकलते थाना प्रभारी, सभी कार्य करता था रामकुमार

जब थाना में थाना प्रभारियों को तैनात किया जाता है तो सारे कार्य थाना प्रभारी देखते हैं और पुलिसकर्मियों को उनके कार्य क्षेत्र के हिसाब से काम बताते हैं लेकिन थाना ट्रांस यमुना ने तैनात थाना प्रभारी एक बार ऑफिस में घुस जाए तो कभी बाहर नहीं निकलते थाना के सभी कार्य /राजीनामा और भी अन्य कार्य सिपाही रामकुमार करता था केबल रात्रि के समय एक बार थाना प्रभारी गश्त लगाने के लिए बाहर निकलते हैं उन्हें थाना से और कोई मतलब नहीं है थाना में आ रहे फरियादियों से भी थाना प्रभारी बात नहीं करते केबल रामकुमार को थाना प्रभारी के द्वारा आदेश दिया जाता था थाना प्रभारी का सारा कार्य सिपाही रामकुमार करता था इसी कारण वह खुद को भी थाना प्रभारी बताता था इस मामले पर भी उच्चाधिकारियों को नजर डालनी चाहिए जिससे कि यह भी स्पष्ट को कि थाना का चार्ज जिस प्रभारी को दिया गया है क्या वह सम्भाल पा रहे हैं ?

अन्य पुलिसकर्मी थे रामकुमार से दुखी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना ट्रांस यमुना में तैनात समस्त स्टाफ इस सिपाही रामकुमार के कारण दुखी था कई पुलिसकर्मियों ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि रामकुमार खुद हमें थाना प्रभारी की तरह आदेश देता था और जब कहीं रुपयों की बात आ जाए तो पता नहीं पड़ने देता था यह सिपाही थाना में तैनात दरोगाओं को भी आदेशित करता था कि आप इस काम को ऐसे कर लो इस कारण भी पुलिसकर्मी दुःखी थे यानी कि थाना प्रभारी के सभी कार्यों को यही रामकुमार करता था थाना प्रभारी तो केबल एक मूर्ति हैं जिन्हें केबल देखते रहो।

शुरू से चर्चा में है थाना

कमिश्नरेट बनने के बाद ट्रांस यमुना थाना बना है। थाना बनने के बाद से ये चर्चा में है। इससे पहले में फर्जी दरोगा बनकर पुलिस को रिश्वत देने वाले युवक के तत्कालीन थाना प्रभारी अवधेश गौतम के साथ फोटो सामने आए थे। वह थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों का खास था। इसके चलते पुलिस आयुक्त ने थाना प्रभारी को हटाया था। वहीं, थाने पर सुबह से लेकर रात तक दलालों का जमावड़ा रहता है। पीड़ित और फरियादियों से काम कराने का ठेका लेते हैं।

साभार: यूपी न्यूज एक्सप्रेस समाचार पत्र