आगरा। सिख धर्म के नवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत को इस वर्ष 350 वर्ष पूरे हो रहे हैं। गुरु तेग बहादुर के 350 वें शहीदी वर्ष के अवसर पर देशभर में कई बड़े धार्मिक समागम, यात्राएं और नगर कीर्तन होने जा रहे हैं।
आगरा में भी गुरुद्वारा गुरु का ताल , गुरुद्वारा सिंह सभा माईथान समेत विभिन्न गुरुद्वारों में वर्ष भर कीर्तन समागम आदि कार्यक्रम किए जाएंगे। जिनकी औपचारिक शुरुआत बीते दिन गुरुद्वारा गुरु का ताल में सामूहिक सहज पाठ की शुरुआत के साथ हो गई।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने गुरुद्वारा गुरु का ताल के दरबार साहिब जपजी साहिब का पाठ करते हुए सहज पाठ की आरंभता कराई। अपने घर में सहज पाठ करने वाले लगभग 150 गुरु प्रेमी भी दरबार साहिब में मौजूद थे।सभी को गुरुद्वारा गुरु का ताल की ओर से गुरु ग्रंथ साहिब का एक भाग संचिया साहिब उपलब्ध कराया गया था।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि सहज पाठ की आरंभता गुरुद्वारे में कराई गई है। अब सभी लोग अपने घरों में सहज पाठ को अपनी सुविधा व सहजता की आधार पर 6 से 7 महीनो में पूर्ण करेंगे। इसके बाद 23 नवंबर को सामूहिक समापन गुरुद्वारा गुरु का ताल पर विशेष समागम के साथ होगा।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसवीर सिंह ने बताया कि अगले 7 महीनो में आगरा के लगभग सभी प्रमुख गुरुद्वारों में गुरु तेग बहादुर साहिब के 350 वें शहीदी वर्ष को समर्पित अनेक धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। जिनकी रूपरेखा जल्द ही तय कर ली जाएगी।
कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए रविवार शाम गुरुद्वारा गुरु का ताल में आगरा की समस्त गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों के साथ एक बैठक का भी आयोजन किया गया। श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान कवलदीप सिंह, सुखमनी सेवा सभा के प्रमुख वीर महेंद्र पाल सिंह ने बताया गुरु तेग बहादुर की शहादत हिंदुत्व व सनातन की रक्षा के लिए हुई थी। लिहाजा गुरुजी के गौरवपूर्ण बलिदान का इतिहास जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए आगरा शहर के विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ कार्यक्रम कराए जाने के अलावा स्कूल कॉलेज में भी प्रतियोगिता आदि कराए जाने पर विचार किया गया।
बैठक के दौरान गुरुद्वारा गुरु का ताल के जत्थेदार राजेंद्र सिंह, बाबा अमरीक सिंह, महंत हरपाल सिंह, दलजीत सिंह सेतिया , गुरमीत सेठी, ज्ञानी कुलविंदर सिंह ,परमजीत सरना, बंटी ग्रोवर, श्याम भोजवानी, हरपाल सिंह, चौधरी मंजीत सिंह, अरविंद सिंह चावला, परमिंदर सिंह ग्रोवर, मलकीत सिंह, ग्रंथि हरबंस सिंह, अजायब सिंह टीटू , हरनाम सिंह, सुशील सिंह, वीर सिंह, ज्ञानी केवल सिंह जोगा सिंह आदि मौजूद रहे।