आगरा। साइबर क्राइम पुलिस ने निवेश पर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। होटल में सेमिनार आयोजित कर एक लाख रुपये के बदले सात लाख रुपये लौटाने का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाया जाता था। इस गिरोह ने जिले के करीब 1500 निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की। मामले में गिरोह के प्रमुख सदस्यों में शामिल अलीगढ़ निवासी अजय उर्फ टीपू को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके छह अन्य साथी फरार हैं।
पुलिस के अनुसार आरोपी मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) स्कीम के जरिए लोगों की चेन बनाते थे और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर कई गुना मुनाफे का दावा करते थे। गिरोह ने अमेरिका के एक चर्चित क्रिप्टो कॉइन के नाम से नकली कॉइन तैयार किया और फर्जी वेबसाइट व ईमेल आईडी बनाकर लोगों के खाते खुलवाए। आठ हजार रुपये लेकर आईडी बनाई जाती थी और 25 पैसे के एक कॉइन के तीन साल में दस डॉलर तक पहुंचने का लालच दिया जाता था।
इस ठगी के शिकार बड़ी संख्या में महिलाएं भी हुईं, जिनमें से कई पीड़ित साइबर थाने पहुंचीं। गिरोह की धोखाधड़ी से परेशान होकर जिले के करबना गांव की एक महिला ने आत्महत्या भी कर ली थी, जिस मामले में वर्ष 2024 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस का कहना है कि आरोपी अपनी महंगी और राजसी जीवनशैली दिखाकर लोगों का भरोसा जीतते थे। शुरुआत में कुछ निवेशकों को मुनाफा देकर विश्वास जमाया जाता, फिर बड़ी रकम निवेश कराने के बाद पैसा हड़प लिया जाता था।
एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने बताया कि पूछताछ में आरोपी अजय ने स्वीकार किया है कि वह अपने साथियों के साथ बीते पांच वर्षों से अलग-अलग राज्यों में इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था। फरार आरोपियों में नरेंद्र, शुभम, गोपाल, विनय, विनोद और सचिन शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।

