Agra News: साथी छात्र और टीचर कर रहा था ब्लैकमेल, परेशान छात्र ने फांसी लगाकर दे दी जान

Crime

आगरा: थाना शमसाबाद क्षेत्र में 12वीं कक्षा के छात्र ने दोस्त और टीचर द्वारा ब्लैकमेल किए जाने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घरवालों को इसका पता चला तो वे थाने गए, लेकिन पुलिस ने सुबह आने की बात कह कर टाल दिया।

शमसाबाद के गोपालपुरा गांव में रहने वाले रामखिलाड़ी ने बताया कि उनका नाती अनमोल कक्षा 12 में पढ़ता था। पांच-छह दिन से वह बहुत गुमसुम और परेशान था। विगत 25 जनवरी को उनके बेटे के मोबाइल फोन पर बैंक से रुपये निकलने का मैसेज आया। जब इसके बारे में अनमोल से पूछा तो उसने बताया कि उसका दोस्त जतिन निवासी मधुपुर और उसके ट्यूशन के टीचर शिवेंद्र उसे परेशान कर रहे हैं। वे उससे रुपये की मांग करते हैं। जतिन उससे करीब एक लाख रुपये कई बार में ले चुका है। टीचर भी उससे रुपये मांगते हैं।

मृतक छात्र के दादा ने परेशान करने वाले छात्र जतिन से फोन पर बात की। उसने कहा कि रुपये वापस कर दूंगा। स्कूल के टीचर ने भी रुपये वापस करने की बात कही। उन्होंने दो हजार रुपये वापस भी कर दिए। मगर, आरोपी छात्र अपनी बात से मुकर गया।

इसको लेकर वह अपने नाती को लेकर 26 जनवरी की रात को शमसाबाद थाने गए थे। उन्होंने पुलिस को पूरी बात बताई। वहां मौजूद दीवान ने कहाकि अभी थाने में कोई नहीं है। सुबह आकर लिखित में दे देना। अगले दिन छात्र का पेपर था। इसलिए वह थाने नहीं जा पाए।

इसके बाद छात्र तनाव में था। उसने ये नहीं बताया कि परेशान क्यों कर रहे हैं। उसका कहना था कि वे उससे रुपये उधार मांगते हैं। मंगलवार सुबह अनमोल के पिता अपनी दुकान पर थे। मां भी स्कूल चली गई थीं। घर पर वह अकेला था। ऐसे में उसने करीब सुबह साढ़े 11 बजे फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन जब वापस आए तो देखा छात्र फंदे से झूल रहा था। उसके पास एक सुसाइड नोट भी मिला। इसमें लिखा है कि मुझे माफ करना। मेरे छोटे भाई को प्यार देना। उसे खूब पढ़ाना।

छात्र के आत्महत्या करने के बाद परिजनों में हाहाकार मच गया। परिजनों ने शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। पुलिस अगर कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ लेती तो उनका बच्चा आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं होता।