आगरा शहर में गंगाजल आए न जाने कितने वर्ष बीत गए लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग शहर भर को गंगाजल नहीं दे पाए हैं। आज भी शहर भर की कॉलोनिया गंगाजल की मांग को लेकर लामबंद है लेकिन विभाग कोई उचित कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। नतीजा ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं। दयालबाग क्षेत्र के लिए भी गंगाजल की पेयजल लाइन एक पहेली बन कर रह गई है जिसे सुलझाना मुश्किल होता चला जा रहा है। पिछले 4 साल से दयालबाग की लगभग 34 कॉलोनियों में गंगाजल लाने की मांग सौरभ चौधरी नाम का युवक लड़ाई लड़ रहा है, संघर्ष कर रहा है लेकिन संबंधित विभाग टस से मस नहीं हो रहा है।
खाली मटके के साथ प्रदर्शन
सौरभ चौधरी के नेतृत्व में दयालबाग से पहुंचे लोगों ने सिर पर खाली मटका रखकर अर्धनग्न अवस्था में जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। सौरभ चौधरी ने कहा कि वह पिछले 4 साल से अपने क्षेत्र में गंगाजल की लाइन बिछवाने के लिए दर दर भटक रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी से आक्रोशित होकर एक बार फिर वह जिला मुख्यालय पर ज्ञापन देने आए हैं कि जो अधूरा काम है उस काम को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए।
अर्धनग्न होकर सर पर खाली मटके रखकर पैदल मार्च करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे सौरभ चौधरी ने बताया कि ज्यादा क्षेत्र में गंगाजल लाइन बिछाने के लिए महापौर नवीन जैन द्वारा दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। जलकल विभाग ने इस पर काम शुरू किया लेकिन आधा काम छोड़कर ही जलकल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भाग खड़े हुए हैं। अधूरा काम होने से न तो वह क्षेत्र के हित में है और न ही विभाग के।
समाधान न होने पर करेंगे पैदल मार्च
सौरभ चौधरी का कहना है कि हमारे द्वारा सभी विभागों में चक्कर लगाने के बाद धरना प्रदर्शन करने और मटका फोड़ प्रदर्शन करने के बाद भी अभी तक दयालबाग क्षेत्र की 34 कॉलोनियों में गंगाजल को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जलकल विभाग ने काम शुरू किया लेकिन उसे भी अधूरा छोड़ कर भाग गए। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो हम अपनी मांगों को लेकर सिर पर मटके रख कर पैदल चलकर लखनऊ तक जायेंगे।
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