Agra News: ताज महोत्सव समिति पर वंचित समुदाय के बाल कलाकारों की उपेक्षा का आरोप, चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट ने की संस्कृति मंत्रालय से शिकायत

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वंचित समुदाय की बेटियों को ताज महोत्सव में नहीं मिला मंच

कमिश्नर तथा संस्कृति मंत्रालय से शिकायत

13 बेटियों ने जताई थी प्रस्तुति इच्छा, जिम्मेदारों ने बिना देखे किया रिजेक्ट

आगरा: ताज महोत्सव कला और संस्कृति का संगम कहा जाता है। यहां हर अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता है लेकिन अब ताज महोत्सव भेदभाव की भेंट चढ़ चुका है यहां महोत्सव चंद लोगों के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्हीं के इशारे पर कलाकारों को प्रतिभाग कराया जाता है। महोत्सव में प्रस्तुति देने का मन बना चुकी वंचित समुदाय की 13 बेटियों को निराश होना पड़ा। जिम्मेदारों ने उनकी कला को बिना देखे ही रिजेक्ट कर दिया। इस संबंध में मंडलायुक्त, संस्कृति मंत्री, मुख्यमंत्री तथा संस्कृति विभाग में शिकायत की गई है।

बाल कलाकारों की उपेक्षा

चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस वंचित समुदाय झुग्गी झोपड़ी तथा भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षित कराकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं तथा उनकी छुपी हुई प्रतिभा को तराशने का कार्य कर रहे हैं। इन बच्चों में तमाम बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ बच्चियों ने महोत्सव में प्रस्तुति देने की इच्छा जाहिर की। नरेश पारस ने यह प्रस्ताव ताज महोत्सव समिति के समक्ष रखा।

बच्चे निराश

आगरा के कलाकारों को ताज महोत्सव के माध्यम से मंच प्रदान करके उनका उत्साह वर्धन किया जा रहा है लेकिन झिझक और उपेक्षा के चलते वंचित समुदाय की प्रतिभाओं को मंच नहीं मिल पाता है। शहर में ऐसी तमाम बाल प्रतिभाएं हैं जिनकों ताज महोत्सव में मंच मिलना आवश्यक है। वंचित समुदाय तथा मलिन बस्तियों की निम्नलिखित उभरती हुई बाल कलाकारों (बेटियों) को ताज महोत्सव 2023 में शिल्पग्राम मुक्ताकाशीय मंच पर अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए वंचित समुदाय की 13 बेटियों को ताज महोत्सव में प्रस्तुति दिलाने के लिए ताज महोत्सव समिति से लिखित अनुरोध किया था लेकिन समिति तथा चयनकर्ताओं ने इन गरीब और वंचित समुदाय की बेटियों की कला देखना तक उचित नहीं समझा और उनको प्रस्तुति दिलाने से इंकार कर दिया।

इस संबंध में संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश मिश्रा ने नरेश पारस से से कहा कि इन बच्चों की प्रस्तुति नहीं होगी। कारण आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर बताया जाएगा। नरेश पारस ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, संस्कृति मंत्री तथा मंडलायुक्त से की है। उन्होंने कहा है कि ताज महोत्सव में वंचित समुदाय के उभरते हुए बाल कलाकारों को मंच पर स्थान देकर इनका मनोबल बढ़ाएं। सरकार की भी यही मंशा है कि अंतिम पायदान के व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं पहुंचें।

-up18news