Agra News: नारकोटिक्स टीम के छापे में बड़ा खुलासा, करोड़ों की नकली दवाई ज़ब्त, बांग्लादेश तक फैला नेटवर्क

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आगरा में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री संचालित हो रही थी। आगरा में बनने वाली नकली दवाएं आगरा में ही नहीं बल्कि देशभर में खपाई जाती थी। आरोपियों का नकली दवा के कारोबार का नेटवर्क आगरा में ही नहीं बल्कि देश भर में फैला हुआ है। बड़ी और चौंकाने वाली बात यह है कि यह नकली दवाएं बांग्लादेश तक पहुँचती थी। नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने क्षेत्रीय पुलिस के सहयोग से इस कार्रवाई को अंजाम दिया तो उसके पैरों तले भी जमीन खिसक गई। इतने बड़े पैमाने पर यह कारोबार के बारे में जानकर हर कोई हैरान था।

स्कूल में चल रही थी फैक्ट्री

जानकारी के मुताबिक एंटी नारकोटिक्स टीम पिछले 2 दिनों से आगरा में अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रही थी जिसका खुलासा शनिवार को हुआ। एंटी नारकोटिक्स टीम ने दो फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया। एक फैक्ट्री तो स्कूल में संचालित हो रही थी। यहाँ से टीम को चेकिंग के दौरान 5 करोड़ से ज्यादा की नकली दवाएं, केमिकल और अन्य सामान मिला। इस मामले में 4 लोगों को अरेस्ट किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

किराए पर लिया था गोदाम

शनिवार को एंटी नारकोटिक्स टीम ने सिकंदरा में प्राची टावर के पास 100 फुटा रोड कल्पना कुंज स्थित पाराशर गार्डन में दबिश दी। इस जगह का मालिक भोगीपुरा का रहने वाला अजीत पाराशर है। यहां पर मैरिज होम के साथ राधा कृष्ण स्कूल भी बना है जिसमें बच्चे कम है और कई कक्षाएं खाली हैं। बताया जाता है कि बिचपुरी के रहने वाले विजय गोयल ने अप्रैल 2023 में यह जगह किराए पर ली थी और वहां बिना लाइसेंस के दवा फैक्टरी संचालित की जा रही थी।

कफ सिरप और टैबलेट हुई बरामद

फेंसिड्रिल, वेल्सीरेक्स, कोडिस्टार, कफ केयर, कोसिरेक्स कफ सीरप, एल्जोसेल टैबलेट 0.5, एप्रासेफ 0.5 टैबलेट का जखीरा जब्त किया गया है। इसके अलावा करीब 7 हजार कफ सिरप की तैयार बोतल और भारी मात्रा में रॉ मटेरियल भी बरामद किया गया है।

DCP सिटी सूरज राय ने बताया कि पुलिस को पिछले कुछ समय से दो फैक्ट्रियों में नकली दवाएं तैयार किए जाने की सूचना मिल रही थी। शनिवार को ANTF की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर थाना जगदीशपुरा और सिकंदरा क्षेत्र में दो फैक्ट्रियों में छापा मारा। यहां पर मिक्स्चर से नकली दवाएं तैयार की जा रही थीं।

कैंट स्टेशन से नकली सीरप बरामद

टीम को सूचना मिलने पर आगरा कैंट स्टेशन के पार्सल पर भी छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया गया। इस कार्यवाही के दौरान चार पार्सल एजेंट को हिरासत में लिया जो दवाओं के जखीरे को पार्सल के माध्यम से भिजवाना चाहते थे। उनसे पूछताछ के बाद ही टीम बिचपुरी क्षेत्र पहुँची थी। पकड़े गए एजेंट की पहचान शाहगंज के रहने वाले नरेंद्र शर्मा, खेरागढ़ के रहने वाले मुकेश, जगदीशपुरा के रहने वाले सनी और रोहित कुशवाह के रूप में हुई है।

बिहार से बांग्लादेश तक सप्लाई

गिरफ्तार किए गए युवकों ने बताया कि वे रेलवे के पार्सल के जरिए बिहार के रास्ते बांग्लादेश दवाएं भेजते थे। उनसे पूछताछ के आधार पर आगरा में टीमें कई अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं।

आगरा नकली दवाओं की मंडी बन चुका है। हिमाचल प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान समेत कई प्रांतों की टीमें यहां आकर छापामार कार्रवाई कर चुकी हैं। ड्रग विभाग की सतर्कता की कमी से यहां बड़े पैमाने पर नकली दवाएं बनाई जाती हैं और उन्हें देशभर में सप्लाई किया जाता है। खासतौर से नकली कफ सीरप आगरा में बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है।

सिंडिकेट बनाकर दवाई की सप्लाई

टीम की जांच पड़ताल में पता चला है कि अवैध ड्रग्स फैक्ट्रियां विगत 6 महीनों से संचालित की जा रही थी। यह फैक्ट्री विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा के पार्टनरशिप में एक सिंडिकेट बनकर दोनों थाना क्षेत्र में संचालित की जा रही थी। इनके विनिर्माण/मैन्युफैक्चरिंग हेतु रॉ मैटेरियल की पूर्ति हेतु हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तराखंड राज्यों से की जाती थी। इनसे मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट नशीली और नकली दवाएं जैसे की अल्प्राजोलम टेबलेट फैंसी ड्रिल और कोडीन सिरप कोडिस्टार सिरप को नामी-गिरामी कंपनियों की डुप्लीकेसी करके स्थानीय मार्केट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सप्लाई किया जाता था।