आगरा। आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में करीब 8 वर्षीय मासूम बच्चे के साथ पिछले दो महीनों से लगातार कुकर्म (अप्राकृतिक कृत्य) कर रहा एक दरिंदा आखिरकार पुलिस ने 48 – घंटे के अंदर मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने घायल हालत में आरोपी को उपचार के लिए एस एन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
घटना का खुलासा 22 जून 2025 दिन रविवार को तब हुआ जब पीड़ित बच्चे की मां ने थाने में तहरीर दी कि दिनांक 22/06/2025 दिन रविवार को दोपहर में मेरा बेटा उम्र करीब 8 वर्ष गली में खेल रहा था, तभी शान्ति सिनेमा के सामने एक पानी के प्लांट पर काम करने वाला व्यक्ति बबलू उर्फ बल्लू उसके बेटे को डरा-धमकाकर व जान से मारने की धमकी देकर पानी के प्लांट के अंदर ले गया और उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया और वहां से भाग गया।
मां ने यह भी बताया कि आरोपी पिछले करीब दो महीनों से उसके बेटे को अपनी हवस का शिकार बना रहा था, लेकिन बच्चा डर के मारे चुप रहा। पुलिस ने तहरीर के आधार पर तत्काल पॉक्सो एक्ट और बीएनएस की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए थाना जगदीशपुरा पर विशेष पुलिस टीमें गठित की गईं।
इसी क्रम में 23/24/06/2025 जून की रात को गश्त व चेकिंग की जा रही थी, इसी दौरान मुखबिर द्वारा पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी रोहता-बिचपुरी लिंक मार्ग पर दिखाई दिया है। पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन खुद को घिरता देख आरोपी ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने संयमित तरीके से आत्मरक्षार्थ फायरिंग की, जिसमें आरोपी के पैर में गोली लग गई। उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मौके से पुलिस ने 315 बोर का एक अवैध तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद किया। इस मुठभेड़ के संबंध में आरोपी पर शस्त्र अधिनियम व बीएनएस की अतिरिक्त धाराओं में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान बबलू उर्फ बल्लू पुत्र बांकेलाल निवासी दरगाह वाली गली, शांति सिनेमा के सामने, थाना जगदीशपुरा, आगरा के रूप में हुई है, जिसके आपराधिक इतिहास में पहले से ही पॉक्सो एक्ट का एक मामला दर्ज है।
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार के साथ उपनिरीक्षक भानू प्रताप सिंह, योगेश कुमार, प्रमोद कुमार यादव, प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अमित कुमार व उमर खान, हेड कांस्टेबल सौरभ सोलंकी, चंद्र प्रकाश, कांस्टेबल दिगंबर सिंह व मानवेन्द्र सिंह शामिल रहे। इस संवेदनशील और गंभीर मामले में त्वरित एक्शन लेते हुए पुलिस ने कानून व्यवस्था के प्रति अपनी जिम्मेदारी और सक्रियता को साबित किया है।