आगरा प्रशासन और राधा स्वामी सत्संग सभा इस समय आमने-सामने हैं। राधा स्वामी सत्संग सभा प्रशासन पर भारी पड़ रही है। मामला दयालबाग के पोइया घाट पर यमुना की तलहटी में सत्संग सभा के बोर्ड को लगाए जाने को लेकर है। राधा स्वामी सत्संग सभा पर बोर्ड लगाकर यमुना की तलहटी पर अवैध कब्जा करने के आरोप लग रहे हैं।
आज शुक्रवार को दूसरी बार नदी की तलहटी में लगे सत्संग सभा के बोर्ड, होर्डिंग हटाने गए अपर नगर मजिस्ट्रेट को सत्संगियों ने रोक दिया। सत्संगी पुलिस और प्रशासन आमने-सामने आ गए जिसके बाद पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को ही बैकफुट पर आना पड़ा। पुलिस व प्रशासन की टीम यमुना की तलहटी में सत्संग सभा जिला के बोर्ड को नहीं हटा सकी।
24 घंटे में दूसरी बार लगाए गए बोर्ड
यमुना की तलहटी में राधा स्वामी सत्संग सभा के बोर्ड लगाए जाने की सूचना जिलाधिकारी आगरा तक पहुँची थी। इस पर बुधवार को जिलाधिकारी के आदेश पर सदर तहसील प्रशासन ने जांच पड़ताल की और नदी में लगे बोर्ड अवैध मिलने पर उन्हें हटवा दिए थे। इस घटना को 24 घंटे भी नही बीते कि सत्संगियों ने दोबारा एक नहीं बल्कि चार से पांच नए बोर्ड यमुना की तलहटी में लगा दिए। झोपड़ी की जगह रेल के डिब्बे नुमा बंकर रख दिए हैं।
जिला प्रशासन को दी सीधी चुनौती
यमुना की तलहटी में बोर्ड लगाकर सत्संगियों ने जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे दी। शुक्रवार को डीएम नवनीत सिंह चहल ने कारवाई के लिए एसीएम प्रथम संजीव कुमार को दयालबाग भेजा। न्यू आगरा पुलिस थाने से चुनाव के कारण पर्याप्त फोर्स नहीं मिला। मजिस्ट्रेट के पहुंचने से पहले ही पोइया घाट पर बड़ी संख्या में सत्संगी इकट्ठा हो गए। मजिस्ट्रेट ने पहुंच कर बोर्ड हटाने के लिए कहा। कई बार कहने पर भी सत्संगी नहीं माने और प्रशासन को भी दोबारा बोर्ड नहीं हटाने दिए। सत्संग की एकजुटता के चलते जिला प्रशासन की टीम बैरंग वापस लौट आई। जानकारी के मुताबिक़ नदी पर सत्संगियों का एक महीने से दिन रात जमावड़ा लगा हुआ है।
राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से यमुना की तलहटी में जो बोर्ड लगाए गए हैं उस पर लिखा गया है बैकुंठ धाम। बैकुंठ धाम के बोर्ड लगने के बाद से हर वक्त नदी पर सौ से डेढ़ सौ की संख्या में सत्संगयों की लाठी डंडों से लेस होकर आवाजाही रहती है। 20 25 गाड़ियां हर समय घाट पर खड़ी रहती है।
सत्संग द्वारा यमुना की तलहटी में लगाए गए बोर्ड को हटवाने के लिए पहुंचे अपर नगर मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने बताया कि सत्संग सभा द्वारा यमुना में सफाई और शोध करने की बात कही जा रही है लेकिन उनके द्वारा कोई अनुमति नहीं ली गई। न ही मौके पर सफाई और शोध जैसा काम होते मिला। उनसे बोर्ड और निर्माण हटाने को कहा, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इस संबंध में अब डीएम साहब को अवगत करा दिया है।
राधास्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैयर का कहना है कि बोर्ड पर सभा की ओर से अपना स्वामित्व नहीं लिखा गया है। डूब क्षेत्र है। कब्जा नहीं किया है। हम यमुना की सफाई कर रहे हैं। इसके लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। बोर्ड इसलिए लगाया है कि पता चल सके कि ये काम कौन कर रहा है। प्रशासन खनन नहीं रोका पाया। अब गलत काम करने वाले लोगों को साथ लेकर हमारा काम रोक रहे हैं। प्रशासन हमें लीगल नोटिस दे, हम उसका जवाब देंगे।
आचार संहिता का उड़ाया जा रहा है मख़ौल
आगरा शहर में नगर निकाय चुनाव चल रहे हैं जिसके चलते आदर्श आचार संहिता भी लागू है। दूसरी तरफ राधा स्वामी सत्संग सभा ने यमुना की तलहटी में बैकुंठ धाम के बोर्ड लगाकर जिला प्रशासन को चुनौती पेश कर दी है। राधा स्वामी सत्संग सभा की यमुना नदी के डूब क्षेत्र में गतिविधियों को लेकर आस पास बसे गांव खासपुर, जगनपुर सिकंदरपुर, मनोहरपुर और दयालबाग के ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सत्संग सभा द्वारा एक महीने से अवैध रूप से नदी पर कब्जा कर लिया गया है। 15 दिन से पहले बैकुंठ धाम के बोर्ड लगा दिए हैं। सैकड़ों लोग लाठी डंडे लेकर हर समय नदी डूब क्षेत्र में पहरा देते हैं। ग्रामीणों की आवाजाही बंद कर दी गई है। सरकारी भूमि व चक मार्गों में तार फेंसिंग से बेरीकेडिंग कर दी गई है। आस पास की जमीनों पर फसलें बो रहे हैं। कई जगह स्वामित्व के बोर्ड भी लगा दिए हैं। पुलिस प्रशासन सत्सगियों के सामने फेल है। सिर्फ गरीब और शरीफों पर पुलिस प्रशासन का जोर चलता है। लगता है सत्संग सभा कानून से भी नहीं डरती।