Agra News: यूरिन लीक की समस्या से जूझ रही 40 प्रतिशत महिलाएं, 30 सर्जरी का लाइव प्रसारण कर डॉक्टरों को किया प्रशिक्षित

Press Release

आगरा। यूरिन लीक की समस्या से 40 प्रतिशत महिलाएं जूझ रही हैं, इसके साथ ही बार बार गर्भपात की समस्या भी बढ़ी है। शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय इंडियन एसोसिएशन आफ गायनेकालाजिकल एंडोस्कोपिस्ट के उत्तर प्रदेश चैप्टर के साथ आगरा आब्स एंड गायकोलाजिकल सोसाइटी की कार्यशाला में बार बार गर्भपात, यूरिन लीक जैसी बच्चेदानी से सम्बंधिक समस्याओं के 30 ऑपरेशन कर डॉ. अमित टंडन सहित अमेरिका, इटली, ब्राजील के विशेषज्ञों ने नई पीढ़ी के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया।

डॉ. कमलेश टंडन हॉस्पिटल सहित चार आपरेशन थिएटर से दूरबीन विधि द्वारा 30 आपरेशन किए गए। जिनका दो दिवसीय लाइव सर्जरी एवं हिस्ट्रोस्कोपी वर्कशॉप तथा एंडो मास्टर क्लास में कार्यशाला स्थल (ताज होटल एंड कन्वेन्शेन सेन्टर) में लाइव टेलीकॉस्ट किया गया।

40 प्रतिशत महिलाओं को यूरिन लीक की समस्या

खांसने और छीकने पर भी कपड़ों में पेशाब का निकल जाना (यूरिन लीक) जैसी समस्या से देश की लगभग 35-40 फीसदी महिलाएं परेशान रहती हैं। अधिक उम्र और डिलीवरी के बाद हो जाने वाली इस समस्या को महिलाएं नहीं समझती। गुणगांव की डॉ. रागिनी अग्रवाल (इंजियन मीनोपॉज सोसायटी के सचिव) ने बताया कि अधिक उम्र में इस समस्या में ऑपरेशन भी कारगर नहीं। परन्तु अब प्लेटलेट्स, इंजेक्ट करके, लेजर व इलेक्ट्रोमैग्नेटिक चेयर जैसे नॉनसर्जिकल तरीके से इन्हें ठीक किया जा सकता है। परन्तु महिलाएं आज भी ऐसे विषयों पर खुलकर चर्चा नहीं करना चाहती हैं। ऐसे ही जिन्दगी गुजार देती हैं। यूरिन लीक की समस्या से पीड़ित ज्यादाकर महिलाएं घर से लम्बे समय के लिए बाहर निकलती। नियमित व्यायाम करते रहने से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विशेषकर अधिक उम्र होने व और डिलीवरी से पहले व बाद में पेल्विक मसल्स का व्यायाम जरूरी, मगर किसी एक्सपर्ट की निगरानी में।

स्टेपलर द्वारा आंत को काटकर जोड़ने का दिया प्रशिक्षण

SN मेडिकल कालेज के गैस्ट्रोसर्जरी के हेट डॉ. हिमांसु यादव ने 20 डाक्टरों को दूरबीन विधि से स्टेपर द्वारा आंत को काटकर जोड़ने का प्रशिक्षण दिया। बताया कि आमतौर पर गायनी वाले ऑपरेशन में कई बार यह समस्या यूट्रस व उसके आसपास वाले अंगों पर पाई जाती हैं। ऐसे में उनको छुड़ाने में आंतों में छेद होने की सम्भावना रहती है। पहले इनको काटकर आंतो को जोड़ना ओपन तकनीक द्वारा ही किया जाता था। नवीनतम तकनीक आने से दूरबीन विधि से ही सम्पन्न हो जाता है। 5 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या पाई जाती है।

सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चली लाइव लर्जरी में अमेरिका से डॉ. गैरी मारकस एंड्रोमेट्रेक्टॉमी, इटली से मेरियो मेलाजोकी गंभीर एंडोमेट्रोइसिस और ब्राजील से रितेन रिब्रेरो के अलावा डॉ. अमित टंडन ने बार-बार पेशाब टपकना, बार बार गर्भपात होना, बी रमेश ने बच्चेदानी का मुंह खोलने, अहमदाबाद से डॉ. संजय पाटिल ने सर्जरी की। इन सभी सर्जरी का लाइव टेलीकास्ट कार्यशाला स्थल ताज होटल एंड कन्वेंशन सेंटर में किया गया।

17 सितंबर को सुबह साइंटिफिक सेशन में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याओं के इलाज पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके बाद आइवीएफ पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी।