आगरा: कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री रहे कृष्णवीर सिंह कौशल का मंगलवार को निधन हो गया। उनके निधन से छीपीटोला क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। छीपीटोला मार्केट के सभी व्यवसायियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा और पूर्व मंत्री कृष्ण वीर सिंह कौशल को अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।
जैसे ही कृष्णवीर सिंह की शव यात्रा छीपीटोला क्षेत्र में पहुंची। पूरा छीपीटोला उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की और फिर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी तो पूरा छीपीटोला बाजार में एक ही नारा गूंज रहा था, वह था डॉक्टर कौशल अमर रहे अमर रहे।
लंबे समय से चल रहा थे बीमार
पूर्व मंत्री कृष्णवीर सिंह कौशल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आगरा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 84 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व मंत्री के निधन खबर मिलते ही कांग्रेस नेताओं का उनके आवास पर तांता लग गया तो छीपीटोला बाजार में शोक की लहर दौड़ गयी। व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया और उन्हें श्रद्धांजलि।
शवयात्रा निकलने पर की पुष्पवर्षा
बुधवार सुबह पूर्व मंत्री कृष्ण वीर सिंह कौशल की अंतिम शव यात्रा उनके निज निवास से शुरू हुई। जैसे ही उन की शव यात्रा छीपीटोला क्षेत्र में पहुंची, वहाँ मौजूद जनसमूह उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। सभी लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए और शव यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा भी की। इस दौरान सभी की आंखें नम नजर आईं।
आपको बताते चलें कि पूर्व मंत्री कृष्ण वीर सिंह कौशल का जन्म छीपीटोला क्षेत्र में हुआ था वह छीपीटोला क्षेत्र के ही निवासी थे। बाद में वह ओल्ड ईदगाह कॉलोनी पहुंचे थे।
चार बार रहे विधायक
डॉ. कृष्णवीर सिंह 1957 के बैच के एमबीबीएस डॉक्टर थे। उन्होंने आगरा के सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई की थी। आगरा की छावनी विधानसभा सीट से डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल पहली बार 1974 मेंं विधायक बने। इसके बाद 1977, 1980 और 1985 में वे छावनी सीट से लगातार जीतते रहे। 1985 में नरायन दत्त तिवारी के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने बताया कि वे कई बार मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2013-14 में जब वे जिलाध्यक्ष थे, तब भी वह सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर मार्गदर्शन देते रहे।
आखिरी सांस तक कांग्रेस से जुड़े रहे
शिक्षित वर्ग से आने वाले डॉ. कृष्णवीर सिंह कौशल बेहद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। एक डॉक्टर होने के साथ-साथ उन्होंने राजनीति में बेहतर काम किया। उनके निधन की खबर मिलते ही राजनीति और चिकित्सा दोनों वर्ग में शोक की लहर है। नॉर्थ ईदगाह कालोनी में उनके निवास स्थान पर लोगों की भीड़ जुट गई है। डॉ. कृष्णवीर सिंह के दो बेटे डॉ. अज्ञेश कौशल, राजेश कौशल और तीन बेटियां हैं। बीते वर्ष एक बेटी का देहांत हो चुका है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे आखिरी सांस तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे हैं।
लोगों ने साझा किये अपने अनुभव
छीपीटोला निवासियों ने पूर्व मंत्री कृष्ण वीर सिंह के साथ बिताए पलों के कुछ अनुभव भी साझा किए। काफी लोगों ने बताया कि वह बेहद ही सरल स्वभाव के थे उच्च शिक्षित थे और हमेशा सामाजिक कार्य में तत्पर रहते थे। यही कार्यशैली उन्हें राजनीति की ओर ले गई। वह चाहते थे कि वह राजनीति में रहकर उस तबके के लिए काम कर सकें जो हमेशा से लोगों की पहुंच से दूर रहा है।
कुछ लोगों ने बताया कि कृष्णवीर सिंह कौशल मैं उन्हें अपनी गोद में खिलाया है। उनका बचपन उन्हीं के निवास स्थल और उनकी गोद में बीता है। वह बहुत ही सरल स्वभाव के थे। उनकी कमी हमेशा से छीपीटोला को खलती रहेगी। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि वह छीपीटोला क्षेत्र के लिए एक संरक्षक के रूप में थे।
-एजेंसी