आगरा भीमनगरी हादसा: प्रशासन की व्यवस्था पर उठे सवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री घायल होते तो क्या होता?

City/ state Regional

आगरा:  भीम नगरी के उद्घाटन समारोह में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। केंद्रीय राज मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भीम नगरी का उद्घाटन किया। तेज़ आंधी के बीच अचानक से यह आयोजन हादसे का शिकार हो गया। हादसे में केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बाल-बाल बचे। आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए तो एक व्यक्ति की मौत हो गई। इतना बड़ा आयोजन लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इस आयोजन स्थल के पास एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई जबकि केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल खुद इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के चलते हादसे का शिकार हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने में काफी समय लगा। लोग अपने ही वाहनों से घायलों को इलाज के लिए निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे।

शुक्रवार को भीम नगरी के मंच पर जो हादसा हुआ, उस हादसे से सभी लोग सहमे हुए हैं और डरे भी हुए हैं। इतने बड़े आयोजन में जिला प्रशासन की ओर से एक भी एंबुलेंस की व्यवस्था न किए जाने से लोगों में नाराजगी भी है। भीम नगरी आयोजन समारोह समिति के कोषाध्यक्ष श्याम जरारी का कहना है कि जब कोई मंत्री प्रोटोकॉल के हिसाब से किसी बड़े आयोजन में आता है तो जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि उस स्थल पर एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियों का इंतजाम होना चाहिए लेकिन भीम नगरी के आयोजन स्थल पर एक भी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी।

लोगों ने बताया कि हादसे के बाद जैसे ही घायलों को मंच से उतारा गया तो सभी लोग एंबुलेंस के लिए एक दूसरे से कह रहे थे लेकिन सरकारी व्यवस्था की एंबुलेंस इस आयोजन स्थल पर एक भी नहीं थी। लोगों ने इधर-उधर फोन करके अस्पतालों से एंबुलेंस भेजने की व्यवस्था कराई लेकिन वह भी फेल नजर आई जिसके बाद लोग घायलों को तुरंत इलाज के लिए अपने ही वाहनों से लेकर भागते हुए नजर आए।

बड़ा सवाल यह है कि अगर इस हादसे में केंद्रीय मंत्री घायल होते और उन्हें तुरंत उपचार नहीं मिलता। सरकारी एंबुलेंस वहां नहीं होती तो जिला प्रशासन क्या सफाई देता?