हरियाणा के नूंह जिला में हिंसा के बाद से खट्टर सरकार एक्शन मोड में है। ब्रजमंडल यात्रा में हुई हिंसा के बाद से ही सरकार की तरफ से अवैध निर्माण पर बुलडोजर चल रहा है लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद ताऊ के बुलडोजर पर ब्रेक लग गई है। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई को रोक दिया है। दरअसल, सरकार की तरफ से नूंह की हिंसा में शामिल आरोपियों के निर्माण और दुकानों को गिराया जा रहा था। नूंह के उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को अवैध निर्माण पर कार्रवाई रोकने के आदेश दिए हैं।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में नूंह हिंसा मामले पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले में सु-मोटो लिया और सरकार की तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि अब तक तक कितने ढांचे गिराए गए हैं। हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार से सारी जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से एजी बलदेव महाजन मौजूद रहे।
नूंह में फिलहाल हालात सामान्य हैं। गत 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद कोई घटना अभी तक समाने नहीं आई है। जिले भर में सरपंच सहित दोनों समुदाय के साथ बैठक रविवार को कई बैठक की गई हैं। उन्होंने कहा कि 84 कोस की परिक्रमा भाईचारे की मिसाल है। लोग आपसी मनमुटाव को दूर करें और आपस में बैठकर इसका समाधान निकालें। आरोपियों को पुलिस के हवाले करें और भविष्य में भाईचारा कायम रहे। डीसी ने कहा कि व्यापारी वर्ग भी सामने आया है।
162 स्थाई तथा 591 कच्चे स्ट्रक्चर धराशायी किए
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने कहा कि जिस इमारत से पत्थर बाजी हुई, उनको तोड़ा जा रहा है। साथ ही वन विभाग, पंचायत विभाग, जिला योजनाकार विभाग सरकारी संपत्ति से कब्जा हटवा रहे हैं। रविवार को 37 जगह अभियान चलाकर 57 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया है। कुल मिलाकर अब तक 162 स्थाई तथा 591 कच्चे स्ट्रक्चर धराशायी किए गए हैं। इसके अलावा 56 एफआईआर दर्ज हुई हैं, 147 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
Compiled: up18 News
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