बड़ा खुलासा : बुकी अंकुश मंगल आगरा-दिल्ली से नहीं बल्कि दुबई से संचालित कर रहा था क्रिकेट का सट्टा
आगरा: क्रिकेट पर सट्टा चलाने वाले एक बड़े बुकी अंकुश मंगल की गिरफ्तारी के बाद चौकाने वाले खुलासे हो रहे है। ऑन लाइन क्रिकेट सट्टे का कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से है और यह पूरा धंधा दुबई से संचालित हो रहा था। आरोपी अंकुश मंगल ने दुबई की एक वेबसाइट पर कमीशन पर अपने नाम से सुपर मास्टर लॉगिन आईडी ले रखी थी। इस वेबसाइट के जरिये ही बड़े पैमाने पर सट्टा खेला जाता था। अंकुश मंगल के क्रिकेट सट्टे का जाल उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में फैला हुआ था जो अपने गुर्गों को सब-आईडी बेच कर इस अवैध कारोबार को आगे बढ़ा रहे थे। इस पूरे मामले का खुलासा आगरा के एसएसपी सुधीर कुमार ने एक प्रेस वार्ता के दौरान किया।
क्रिकेट की हर गेंद पर लगता था सट्टा
एसएसपी आगरा सुधीर कुमार ने बताया कि अंकुश क्रिकेट की हर गेंद और चौके-छक्कों पर ऑनलाइन सट्टा लगाया जाता था और इस इसका हिसाब खुद अंकुश मंगल रखता था। सट्टे की कमाई का लेखाजोखा भी एक सॉफ्टवेयर में रखा जाता था। पुलिस से बचने के लिए गुर्गों से बातचीत के लिए दुबई से खरीदी सिम का इस्तेमाल करता था। पुलिस ने रविवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अब उसकी साथियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ मुकदमा
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि अंकुश मंगल और उसके छह साथियों के खिलाफ शुक्रवार को थाना न्यू आगरा में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी विकास कुमार और सीओ हरीपर्वत एएसपी सत्य नरायण के नेतृत्व में टीम को लगाया था। शनिवार को पुलिस उसे फरीदाबाद के पुरी आनंद विलास के सेक्टर 81 स्थित फ्लैट से गिरफ्तार कर लेकर आई। उसका एक घर कमला नगर के ब्रजधाम कॉलोनी फेस एक में भी है।
दुबई से संचालित हो रहा था सट्टा
एसएसपी आगरा ने बताया कि अंकुश ने अपने पूरे सिंडिकेट का खुलासा कर दिया है जो पूरी तरह से चौंकाने वाले हैं। ऑनलाइन सट्टे का कारोबार भारत ही नहीं बल्कि दुबई से संचालित हो रहा था। दुबई से संचालित वेबसाइट www.diamondexch.com से अपने नाम पर सुपर मास्टर लॉगिन आईडी पांच से दस लाख रुपये में खरीदता था। उसकी सब-आईडी को आगे अपने गुर्गों को दस हजार से लेकर एक लाख रुपये तक में बेचता था। इनकी आईडी सुपर मास्टर आईडी से वितरित होकर गुर्गों के नाम पर होती थी। आईडी नाम के पहले अक्षर पर होती थी।
कॉल-चैट के माध्यम से करता था बात
एसएसपी आगरा ने बताया कि इस सुपर मास्टर आईडी की मदद से उसे पता चल जाता था कि किस साथी की आईडी से किस सेशन में रुपये जीते गए और उन्होंने कितना मुनाफा कमाया। हर बाल पर बने रन, विकेट, चौके और छक्कों का हिसाब होता था। इसके बाद सोमवार से सोमवार हिसाब-किताब करता था। इसका लेखाजोखा भी सॉफ्टवेयर back and lay में रखता था। अंकुश के पास से एक आईफोन बरामद हुआ। पुलिस से बचने के लिए उसने दुबई से एक सिम ली थी। वह इस पर व्हाट्सएप चलाता था। इससे ही अपने गुर्गों से कॉल और चैट के माध्यम से बात करता था।
-एजेंसी
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