आदित्य-L1 ने खास तस्वीरें और वीडियो भेजी, ऐसे दिखते हैं पृथ्वी और चांद

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सूर्य की तरफ जा रहे सैटेलाइट का अबतक दो बार कक्षा बदला गया है और इसे सूर्य की तरफ पुश किया गया है. सैटेलाइट की कक्षा में अभी दो और बार बदलाव किया जाना है. सूर्य-पृथ्वी के बीच सैटेलाइट को लैंग्रेज पॉइंट-1 पर स्थापित किया जाएगा, जहां से सूर्य को बिना ग्रहण 24 घंटे और 365 दिन देखा जा सकेगा. इससे सूर्य की स्टडी में आसानी होगी. लैंग्रेज पॉइंट पर गुरुत्वाकर्षण बल सेंट्रीपीटल फोर्स के बराबर हो जाता है. इस पॉइंट से सैटेलाइट आसानी से अपनी तय कक्षा में घूम सकता है.

125 दिनों में अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचेगा आदित्य L1

आदित्य को सूरज के पास पहुंचने में चार महीने या 125 दिनों का वक्त लगेगा. यह मिशन अपने आप में बहुत खास है. कम कीमतों में तैयार किए गए इस सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष के वातावरण पर नजर रखी जाएगी.

सूर्य से निकलने वाली गर्मी और इससे छूटने वाले प्लाज्मा से अंतरिक्ष में तूफान आता रहता है और इससे अंतरिक्ष में घूम रहे ग्रहों को नुकसान पहुंचता है. कई बार पृथ्वी से भेजे गए सैटेलाइट इसकी चपेट में आ जाते हैं और बड़ा नुकसान होता है. भारत अगर लैंग्रेज पॉइंट पर खुद को स्थापित करने में कामयाब होता है तो इससे दुनिया का भी बड़ा फायदा होगा.

चांद के साउथ पोल पर भारत ने रचा इतिहास

इंडियन स्पेस एजेंसी ने हाल ही में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. चांद के इस छोर पर उतरने वाला भारत पहला देश बना है. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर फिलहाल चांद के आंगन में अपना काम पूरा कर आराम कर रहा है. इसरो इस उम्मीद में है कि दोबारा सूर्योदय के बाद भी प्रज्ञान एक्टिव होगा और अपने आगे के काम को अंजाम देगा.

– एजेंसी