अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर ने राइस ब्रांड ‘कोहिनूर’ को खरीदा

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भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी की झोली में एक और कंपनी आ गई है। अडानी ग्रुप की हाल में लिस्ट हुई कंपनी अडानी विल्मर ने कोहिनूर राइस ब्रांड को खरीद लिया है। इसका मालिकाना हक स्विटजरलैंड की कंपनी Mccormick के पास था।

हालांकि यह सौदा कितने में हुआ है, इसका खुलासा नहीं किया गया है। कंपनी का कहना है कि इस अधिग्रहण से उसे कोहिनूर ब्रांड बासमती चावल के साथ-साथ रेडी टु कुक, रेडी टु ईट और भारत में कोहिनूर ब्रांड के दूसरे पोर्टफोलियो पर एक्सक्लूसिव राइट मिल जाएंगे।

अडानी ग्रुप खाद्यान्न बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहता है। कंपनी के रेवेन्यू में अभी इस सेगमेंट की करीब 11 फीसदी हिस्सेदारी है।

अडानी विल्मर फॉर्च्यून (Fortune) ब्रांड से खाद्य तेल और खाने पीने के दूसरे प्रॉडक्ट बनाती है। कंपनी ने हाल में पश्चिम बंगाल की एक खस्ताहाल राइस प्रोसेसिंग यूनिट को खरीदा था। इसके साथ ही कंपनी ने चावल सेक्टर में एंट्री मारी थी। देश में चावल की सालाना खपत तीन से 3.5 करोड़ टन है। कंपनी आटा और चावल सेगमेंट में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। उसने अधिग्रहण के लिए 450 से 500 करोड़ रुपये रखे हैं। अडानी विल्मर के पास पहले से ही भारत में सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक, रिफाइनर और मार्केटर है।

क्या होगा फायदा

यह अधिग्रहण अडानी विल्मर को अपनी ग्रोथ को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करेगा। देश में चावल का बाजार बहुत बड़ा है और अडानी ग्रुप बासमती के अलावा स्थानीय राइस ब्रांड्स में भी अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहता है। कोहिनूर ब्रांड में प्रीमियर बासमती राइस ब्रांड कोहिनूर के साथ चारमिनार (Charminar) और ट्रॉफी (Trophy) शामिल हैं। अडानी विल्मर के सीईओ और एमडी अंशु मलिक ने कहा कि यह अधिग्रहण कंपनी की बिजनस स्ट्रैटजी के मुताबिक है।

मलिक ने कहा कि कोहिनूर के अधिग्रहण से हायर मार्जिन वाले ब्रांडेड स्टैपल्स एंड फूड प्रॉडक्टमस सेगमेंट में कंपनी के पोर्टफोलियो का विस्तार होगा। कंपनी को लगता है कि पैकेज्ड फूड कैटगरी में अभी काफी संभावनाएं हैं। कोहिनूर ब्रांड की मजबूत ब्रांड वैल्यू है और इससे हमें फूड एफएमसीजी कैटगरी में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा। अडानी विल्मर ने हाल में शेयर बाजार में एंट्री मारी थी। इसमें अडानी ग्रुप और सिंगापुर के विल्मर ग्रुप की 50:50 हिस्सेदारी है।

-एजेंसियां