महुआ मोइत्रा के ‘कैश-फ़ॉर-क्वेश्चन’ पर अडानी समूह ने दी अपनी प्रतिक्रिया

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सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्री द्वारा हलफनामे के रूप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में शिकायत दर्ज करवाने के बाद अडानी समूह का बयान आया है. जय अनंत देहाद्री के हलफनामे में आरोप लगाया गया है महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत और अनुचित लाभ हासिल किए थे ताकि दर्शन हीरानंदानी की तरफ़ से संसद में सवाल किए जाएं, जिनसे खासतौर से गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के समूह को निशाना बनाया जाए.

महुआ मोइत्रा का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की जांच का स्वागत करती हैं.

इस बीच हीरानंदानी समूह ने भी आरोपों को खारिज किया और दावा किया कि आरोपों में ‘कोई दम नहीं’ है. समूह के प्रवक्ता ने कहा, “हम हमेशा व्यापार करते रहे हैं, राजनीति के व्यवसाय में नहीं है… हमारे समूह ने हमेशा देश के हित में सरकार के साथ काम किया है और आगे भी करते रहेंगे…”

अडानी समूह के प्रवक्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा, “चौंकाने वाले घटनाक्रम में रविवार 15 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्री ने सांसद महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी समूह के CEO दर्शन हीरानंदानी द्वारा ‘एक आपराधिक साज़िश रचने’ को रिकॉर्ड में लाते हुए एक शपथपत्र के तौर पर CBI के पास शिकायत दर्ज की. इस साज़िश के तहत संसदीय प्रश्नों के माध्यम से खासतौर से गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के समूह को निशाना बनाया जाना था…”

अडानी समूह ने कहा, “उन्होंने (श्री देहाद्री ने) आगे कहा है कि बदले में महुआ मोइत्रा को दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत और अनुचित लाभ मिले… हम यह भी जानते हैं कि एक अन्य सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को शिकायत भेजकर महुआ मोइत्रा को निलंबित करने तथा भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है… शिकायत सार्वजनिक है और मीडिया में भी इसे बड़े पैमाने पर कवर किया गया है…”

भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को इन आरोपों को लेकर महुआ मोइत्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की मांग की थी कि उन्होंने अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए संसद में ‘सवाल पूछने के लिए दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत’ ली…”

निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे खत में निलंबन के लिए महुआ मोइत्रा द्वारा संसदीय विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन, सदन की अवमानना ​​और आपराधिक साज़िश को आधार बनाया है.

अडानी समूह के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “यह घटनाक्रम 9 अक्टूबर 2023 के हमारे बयान की पुष्टि करता है कि कुछ समूह और व्यक्ति हमारे नाम, गुडविल और बाज़ार प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत ज़्यादा काम कर रहे हैं… इस मामले में वकील की शिकायत से पता चलता है कि अडानी समूह और हमारे चेयरमैन गौतम अडानी की प्रतिष्ठा और हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए यह साज़िश वर्ष 2018 से ही जारी है…”

अडानी समूह ने कहा, “9 अक्टूबर को हमने एक मीडिया स्टेटमेंट और एक्सचेंज फाइलिंग के ज़रिये जनता को बताया था कि OCCRP सरीखी कुछ विदेशी संस्थाओं ने विदेशी मीडिया के एक वर्ग, शॉर्ट-सेलरों और देशी सहयोगियों के साथ मिलकर अडानी समूह के ख़िलाफ़ लगातार वार करने की कवायद शुरू की है, ताकि अडानी समूह के बाज़ार मूल्य को घटाया जा सके… वास्तव में अडानी समूह को नुकसान पहुंचाने के समान उद्देश्य से बंधे इन व्यक्तियों और समूहों ने एक खेल तय किया है जिसे पेशेवर मशीनरी के ज़रिये पूरी दक्षता के साथ हिन्दुस्तान और विदेशों में खेला जा रहा है…”

अडानी समूह ने कहा, “हमने इस ओर भी ध्यान दिलाया था कि उनकी रणनीति में एक तरकीब यह भी है कि ‘भारतीय अदालतों में अहम मामलों की सुनवाई की तारीखों से ठीक पहले’ मीडिया रिपोर्टें पेश कर दी जाएं…

बिल्कुल इसी तरह ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने 12 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अडानी से जुड़े मामले की सुनवाई से ठीक एक दिन पहले एक कहानी प्रकाशित की जिसमें अडानी समूह के खिलाफ निराधार आरोपों को दोहराया गया… हम यह बयान हमारे शेयरधारकों सहित सभी हितधारकों के हित में जारी कर रहे हैं…”

Compiled: up18 News